अरुणाचल प्रदेश के तवांग में पिछले हफ्ते के सैन्य गतिरोध के बाद भारत-चीन के मध्य ताजा तनाव के बीच भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर में बृहस्पतिवार से दो दिवसीय अभ्यास करेगी जिसमें इसके अग्रिम पंक्ति के करीब सभी युद्धक विमान और इस क्षेत्र में तैनात अन्य संसाधन शामिल किए जाएंगे। सूत्रों ने कहा कि अभ्यास का मकसद भारतीय वायुसेना की समग्र युद्धक क्षमता और इस क्षेत्र में सैन्य तैयारियों को परखना है। हालांकि, भारत और चीन की सेनाओं के बीच ताजा गतिरोध के बहुत पहले इस अभ्यास की योजना बनाई गई थी और इसका इस घटना से कोई संबंध नहीं है।
भारतीय वायुसेना का दो दिवसीय युद्धाभ्यास
जानकारी के अनुसार एयरफोर्स ने 8 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश और असम में होने वाले इस युद्धाभ्यास के लिए नोटम जारी किया था. इस नोटम के ज़रिए अरुणाचल प्रदेश और असम की एयर स्पेस में उड़ान को लेकर चेतावनी जारी की गई है ताकि सिविल फ्लाईट्स और सिविल एटीसी को 15 और 16 दिसंबर के दौरान फाइटर जेट की अधिक उड़ान को लेकर अलर्ट जारी कर दिया जाए. इंडियन एयरफोर्स और शिलॉन्ग (मेघालय) स्थित पूर्वी कमान ने इस एक्सरसाइज को लेकर कोई ऑफ़िशयली जानकारी शेयर नहीं की है, लेकिन ऐसे क़यास लगाए जा रहे हैं कि वेस्ट कमान के सभी एयरबेस इस युद्धाभ्यास में हिस्सा ले सकते हैं.
सुखोई-रफ़ाल दिखाएंगे दम
तेजपुर एयरबेस पर एयरफोर्स के सुखोई फाइटर जेट तैनात रहते हैं तो हासिमारा में राफेल फाइटर जेट की स्कावड्रन तैनात है. इसके अलावा जोरहाट में अपाचे हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तैनात रहते हैं. दो दिन तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में हेलीकॉप्टर और मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी हिस्सा लेंगे. इसके अलावा एक्सरसाइज़ में एयरफोर्स के एयर डिफेंस सिस्टम के भी हिस्सा लेने की उम्मीद ज़ाहिर की जा रही है. बता दें कि तवांग झड़प के बाद फौज ने अपनी निगरानी में मज़ीद इज़ाफ़ा कर दिया है.