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केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए 16 सितंबर से फिर शुरू होगी 'एयर कूरियर सर्विस'

Deepa Sahu
11 Sep 2021 3:48 PM GMT
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए 16 सितंबर से फिर शुरू होगी एयर कूरियर सर्विस
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केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को दोबारा से हवाई यात्रा सुविधा मिलने जा रही है।

केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को दोबारा से हवाई यात्रा सुविधा मिलने जा रही है। इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय से इजाजत मिल गई है। 'एयर कूरियर सर्विस' 16 सितंबर से शुरू होगी। इस सेवा को सात महीने के लिए आगे बढ़ाया गया है। यानी 31 मार्च 2022 तक केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान 'जम्मू-श्रीनगर' और 'उत्तर पूर्व' रूट पर हवाई सेवा का इस्तेमाल कर सकेंगे। अमर उजाला डॉट कॉम ने एक सितंबर को 'जोखिम में केंद्रीय सुरक्षा बल: जम्मू-श्रीनगर रूट पर हवाई यात्रा सुविधा बंद, पुलवामा आतंकी हमले के बाद शुरू हुई थी सेवा' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ जवानों की सुरक्षा के मद्देनजर 'एयर कूरियर सर्विस' को दोबारा से शुरू करने का निर्णय लिया। इससे जवानों को बड़ी राहत मिली है।

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद ऐसे अलर्ट मिल रहे हैं कि पाकिस्तान की तरफ से बड़ी संख्या में आतंकवादी, जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर सकते हैं। रक्षा विशेषज्ञ भी ऐसी संभावना जता चुके हैं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई, इसके लिए जैश, लश्कर, हक्कानी और आईएस-केपी जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर घाटी में अशांति फैलाने का प्रयास कर सकती है। ऐसे में सड़क मार्ग से जवानों की आवाजाही के दौरान किसी भी तरह के हमले का जोखिम बना रहता है। सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए आतंकियों द्वारा आईईडी, हैंड ग्रेनेड, ड्रोन और आत्मघाती दस्तों की मदद ली जा रही है।
बता दें कि 2019 में पुलवामा हमला होने से पहले भी केंद्र सरकार से हवाई यात्रा सेवा की सुविधा प्रदान करने का आग्रह किया गया था। उस वक्त केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हवाई यात्रा सेवा को मंजूरी नहीं दी थी। नतीजा, जवानों के काफिलों को सड़क मार्ग से आवाजाही करनी पड़ी। 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला हो गया। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। उसके बाद तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों के आने-जाने के लिए उन्हें 'एयर कूरियर सर्विस' की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की थी। पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 31 अगस्त के बाद 'दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली' और 'श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर' रूट पर एयर कूरियर सर्विस को आगे बढ़ाने की मंजूरी नहीं दी गई। इसके साथ ही उत्तर पूर्व के रूट पर भी सीएपीएफ जवानों की यह सुविधा बंद हो गई थी।
संबंधित नोडल एजेंसी ने मंत्रालय के अधिकारियों को यह सूचना दे दी थी कि हवाई सेवा की पांच माह की मंजूरी अवधि 'एक अप्रैल 2021 से 31 अगस्त 2021 को खत्म हो रही है। 31 अगस्त के बाद एयर कूरियर सर्विस बंद हो जाएगी। मंत्रालय को इस बाबत दो बार सूचित किया गया। पहली बार तीन अगस्त 2021 को मंजूरी के लिए आवेदन पत्र गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था। पहले पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। चूंकि मामला केंद्रीय बलों के जवानों की सुरक्षा से जुड़ा था, इसलिए सुरक्षा बल इसे लेकर कोई लापरवाही या ढिलाई नहीं बरतना चाहते थे। 24 अगस्त को दोबारा गृह मंत्रालय को सूचित किया गया कि एयर कूरियर सर्विस को आगे की अवधि के लिए स्वीकृति प्रदान की जाए। इसके बाद 31 अगस्त बीत गया, लेकिन फाइल को मंजूरी नहीं मिल सकी। मजबूरन, सुरक्षा बलों को यह आदेश निकालना पड़ा कि अब 'दिल्ली-श्रीनगर-दिल्ली' और 'श्रीनगर-जम्मू-श्रीनगर' रूट पर एयर कूरियर सर्विस रोक दी गई है। अब 16 सितंबर से पहले की तरह जवान एयर कूरियर सर्विस के जरिए आवागमन शुरू कर सकेंगे।
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