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एआईएमपीएलबी असम में बाल विवाह मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाएगा
jantaserishta.com
7 Feb 2023 5:29 AM GMT
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गुवाहाटी (आईएएनएस)| अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) असम में बाल विवाह पर हालिया कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहा है। इसकी कार्यसमिति के एक सदस्य ने सोमवार को यह जानकारी दी। गुवाहाटी हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और समिति के सदस्य हाफिज राशिद अहमद चौधरी ने कहा कि रविवार को लखनऊ में बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा, "मैंने इस मुद्दे को उठाया और इस पर विस्तृत चर्चा हुई।"
मुस्लिम लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र से जुड़ा एक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
चौधरी ने कहा, "मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की कोई लड़की 15 वर्ष की आयु के बाद शादी कर सकती है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक फैसले में कहा कि कोई भी मुस्लिम लड़की 15 साल की होने के बाद अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर सकती है। इस प्रकार के विवाह बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अनुसार भी अवैध नहीं हैं।"
हालांकि, हाईकोर्ट के फैसले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस मामले में पक्षकार बनने की अपील करेगा।
उन्होंने कहा, "हालांकि यह मामला असम से जुड़ा नहीं है, लेकिन दोनों मामले शादी करने के लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु तय करने से संबंधित हैं। इसलिए, हम इसमें एक पक्ष बनना चाहेंगे।"
चौधरी ने आरोप लगाया कि असम सरकार ने बाल विवाह के मुद्दे पर लोगों को गिरफ्तार करते समय कानूनों का पालन नहीं किया है।
उन्होंने कहा, "बाल विवाह को रोका जाना चाहिए, लेकिन ऐसा कोई भी कदम उठाने से पहले सरकार को इसके खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए।"
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