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एम्स के डॉक्टर का बड़ा बयान- वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी...जानिए क्यों

Admin2
4 Dec 2020 3:09 PM GMT
एम्स के डॉक्टर का बड़ा बयान- वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क पहनना जरूरी...जानिए क्यों
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑल पार्टी मीटिंग में इस बात का ऐलान किया है कि बस कुछ ही सप्ताह की बात है, जल्द ही भारत में वैक्सीन आने वाला है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या आने वाले दिनों में वैक्सीन के बाद आपके चेहरे से मास्क उतर पाएगा या नहीं! AIIMS में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में कार्यरत डॉ पुनीत मिश्रा ने कहा कि मास्क और कोविड प्रोटोकॉल का पालन वैक्सीन लगने के बाद भी करना होगा. उन्होंने कहा कि इतनी जल्दी आप अपने चेहरे से मास्क नहीं उतार सकते.

मास्क पहनना जरूरी होगा

अभी कुछ समय तक मास्क और दूसरे एहतियात बरतने होंगे, क्योंकि एक बार में सबको वैक्सीन नहीं लगने वाली है. दूसरी बात ये है कि वैक्सीन कितनी प्रभावित हो पाती है, ये भी अभी पता नहीं है. इसलिए मास्क के साथ वैक्सीन लगने के बाद सैनेटाइजर का इस्तेमाल भी जरूरी होगा.

वैक्सीन से पहले कोई टेस्ट नहीं

डॉ पुनीत ने बताया कि सामान्य व्यक्ति को वैक्सीन लगाने से पहले अभी तक टेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि यदि हम टेस्ट करके वैक्सीन लगाएंगे तो वह एक बड़ी ही जटिल प्रक्रिया होगी, इतने सारे लोगों की टेस्टिंग और वैक्सीन लगाने में बहुत ज्यादा वक्त लगेगा. साथ ही वैक्सीन कार्यक्रम के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की भी जरूरत पडे़गी, जहां तक वैक्सीन लगाने की बात है तो केंद्र सरकार की ओर से बकायदा टास्क फोर्स का गठन किया गया है और एक्सपर्ट ही इसे लगाएंगे. तो मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन लगाने के पहले किसी टेस्ट की जरूरत होगी.

वैक्सीन लगने के बाद निगरानी

डॉ पुनीत ने बताया कि निगरानी के लिए हम ट्रायल के फेज में वालेंटियर्स को रखते हैं, लेकिन जब वैक्सीन ट्रायल के फेज से गुजर जाती है तो सामान्यतः जरूरत नहीं होती है. जब कोई भी वैक्सीन देते हैं तो हम बता देते हैं कि आपके शरीर पर कोई भी प्रभाव पड़े तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, लेकिन जरूरत से अधिक बुखार आ जाए या कुछ एहतियात भी इसमें बरते जाएंगे.

दूसरी बात यह है कि कई बार वैक्सीन को इमरजेंसी लाइसेंस भी देते हैं जैसा कि कोविड के केस में है, जिसमें हम वैक्सीन भी देते हैं और उन व्यक्तियों पर नजर भी रखते हैं. ऐसे में हम लोग जिनको वैक्सीन लगी है, उनको बोलेंगे कि किसी भी अवांछित परिणाम पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

खास जगह पर लगेगा वैक्सीन

वैक्सीन के लिए खास जगहों पर बूथ बनाए जाएंगे, जहां पर वैक्सीन दी जाएगी. सरकार ने इसके लिए टास्क फोर्स भी बनाई है. आमतौर पर ये बूथ डिस्पेन्सरी या अस्पताल होगा.

कितने दिनों में एंटीबॉडी तैयार होगा!

आमतौर पर सात से 21 दिनों में एंटीबॉडी बनती है, लेकिन ये जानना जरूरी है कि न्यूट्रीलाइजिंग एंटीबॉडी कितनी बनती है, कितने लंबे समय तक शरीर में रहती है ये कहना मुश्किल है.

सॉफ्टवेयर से रखी जाएगी नजर

सरकार ने टास्क फोर्स बनाकर सबसे पहले किसे दिया जाए यह तय किया जा रहा है. तकनीक का इस्तेमाल हर जगह हो रहा है. वैक्सीन की जरूरत में तकनीक का सहारा जरूरी है, क्योंकि एक वैक्सीन के बाद दूसरी भी लगनी है ऐसे में तकनीक के सहारे याद दिलाना जरूरी है. इसलिए सॉफ्टवेयर बनाना जरूरी है.


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