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एम्स का दावा: वैक्सीन ने 45 फीसदी तक आशंका कम की, शरीर के हर अंग को प्रभावित कर रहा संक्रमण

Shiddhant Shriwas
11 Oct 2021 2:58 AM GMT
एम्स का दावा: वैक्सीन ने 45 फीसदी तक आशंका कम की, शरीर के हर अंग को प्रभावित कर रहा संक्रमण
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इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच भर्ती कोरोना मरीजों में एक तिहाई अब तक नहीं हो सके ठीक

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद आने वाली परेशानियां यानी पोस्ट कोविड को लेकर अब तक कई चिकित्सीय अध्ययन सामने आ चुके हैं, लेकिन टीकाकरण और पोस्ट कोविड लक्षणों को लेकर पहली बार नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने जानकारी हासिल की है। अभी तक वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दी जा रही थी, परंतु अब पोस्ट कोविड स्थिति से बचने के लिए भी टीकाकरण जरूरी है। एम्स के मुताबिक, वैक्सीन की दो खुराक भी ये लक्षण दूर कर सकती हैं।

कोरोना से ठीक होने के बाद जो लोग समय रहते वैक्सीन की दोनों खुराक ले रहे हैं उनमें पोस्ट कोविड के लक्षण बेहद कम या बिल्कुल भी दिखाई नहीं दे रहे हैं। संक्रमण से ठीक होने के बाद जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है उनमें पोस्ट कोविड की आशंका दिखाई दे रही है। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल मेडरेक्सिव में अभी समीक्षा स्थिति में है। एम्स के सात विभाग डॉ. राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान, मनोरोग, पल्मोनरी, मेडिसिन, एंड्रोक्रॉयनोलॉजी, माइक्रो बायोलॉजी और अस्पताल प्रबंधन के डॉक्टरों ने मिलकर यह अध्ययन किया है। इसमें एम्स के स्वास्थ्य कर्मचारी व अन्य स्टाफ को भी शामिल किया गया था, जिन्होंने फोन पर दिए साक्षात्कार में कोरोना से ठीक होने के बाद दैनिक दिनचर्या को लेकर प्रतिक्रिया भी दी है।

डॉक्टरों ने बताया कि इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच उनके यहां 1800 से ज्यादा कोरोना मरीजों को भर्ती किया गया, लेकिन इनमें से 33.20 फीसदी मरीज ऐसे मिले जिनमें स्वस्थ घोषित करने के बाद भी पोस्ट कोविड के लक्षण मिल रहे हैं। अब तक उन्हें पूरी तरह से स्वस्थ नहीं कहा जा सकता है। कुल 1801 रोगियों का चयन करने के बाद जब अध्ययन शुरू हुआ तो 773 मरीजों से पर्याप्त जानकारी मिल सकी।

अस्पताल से छुट्टी होने के बाद भी फोन पर इनसे संपर्क रहा। इनकी औसतन आयु 34 वर्ष थी। 56.40 फीसदी पुरुष और बाकी महिलाएं मरीज थीं। अध्ययन में पता चला कि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 33.20 फीसदी मरीजों में चार या उससे अधिक सप्ताह तक पोस्ट कोविड लक्षण रहे। कोरोना वायरस का असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। इसलिए पोस्ट कोविड के लक्षण किसी भी अंग से जुड़े हो सकते हैं।

जानकारी के अनुसार, 773 में से 407 लोगों ने संक्रमण से पहले वैक्सीन नहीं लिया था, जबकि 175 ने पहली और 191 लोगों ने दोनों खुराक ली थी। इसके बाद इन्हें कोरोना संक्रमण हुआ था। 407 में से 35 फीसदी यानी 142 मरीजों को पोस्ट कोविड का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, एक खुराक लेने वाले 175 में से 65 और दोनों खुराक लेने वाले 191 में से केवल 50 (26.5 फीसदी) लोगों में पोस्ट कोविड लक्षण मिले हैं। इसी के आधार पर टीकाकरण पोस्ट कोविड लक्षणों के लिए भी बेहतर माना जा रहा है।

वैक्सीन ने 45 फीसदी तक आशंका कम की

अध्ययन के दौरान यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के कुछ सप्ताह बाद जब वैक्सीन दी गई तो इन लोगों में पोस्ट कोविड लक्षण विकसित होने की आशंका 45 फीसदी तक कम हुई। टीकाकरण वाले प्रतिभागियों में आगे जांच की गई तो वैक्सीन की दो खुराक न सिर्फ संक्रमण से बल्कि, पोस्ट कोविड लक्षणों को आगे बढ़ने से भी रोकती हैं।

ठीक होने के बाद भी ये बीमारियां

अध्ययन में यह भी पाया है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी जिन्हें पोस्ट कोविड से जुड़ी परेशानी है उनमें सबसे अधिक 79.30 फीसदी थकान है। लोगों की शिकायत है कि कोरोना से बाहर आने के बाद उनके शरीर में एक प्रकार की थकान सी होती है। काम में मन नहीं लगता और शरीर भी आराम मांगता है। 33.40 फीसदी में जोड़ों का दर्द, 29.90 फीसदी में मांसपेशियों का दर्द भी देखने को मिल रहा है। 28 फीसदी मरीजों में कोरोना से ठीक होने के बाद बाल झड़ने की नौबत आई है।

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