एम्स ने अस्पताल परिसर में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर लगाया प्रतिबंध
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली एम्स ने सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत अस्पताल परिसर में अब से सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया गया है। अस्पताल द्वारा इस कदम को राष्ट्रीय प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन को कम करने के लिए उठाया गया है।
यही नहीं परिसर में नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर भी शिकंजा कसा जा रहा है और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत स्टाफ सदस्यों और छात्रों को ज्यादा गंभीर बनाने के भी निर्देश दिए गए है। इसके रोक-थाम को लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए है।
AIIMS Delhi bans use of single-use plastic in hospital premises, campus
— ANI Digital (@ani_digital) December 20, 2022
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पूरा मामला:
एम्स अस्पताल द्वारा जारी ज्ञापन में यह कहा गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यही नहीं अस्पताल के परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति या कर्मी द्वारा दवाईयों की बिक्री पर भी शिकंजा कसा गया है और अस्पताल के गार्ड्स को यह आदेश दिया गया है कि वे इस तरह से दवा बेचने वाले लोगों का फोटो या वीडियो करें ताकि उन पर कार्रवाई किया जा सके।
इसके साथ ऐसे लोगों को तुरन्त पुलिस के हवाले भी करने को कहा गया है और उन्हें दोबारा अस्पताल में आने पर रोक भी लगा देने की बात कही गई है। यही नहीं अस्पताल में काम करने वाले अनुबंधित कर्मचारी या सुरक्षा कर्मचारी भी इस तरह के कामों में लिप्त पाए जाते है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी और आरोप तय होने पर एम्स पुलिस चौकी के हवाले किया जाएगा। इसके साथ उनको काम से भी हटाया जाएगा।
7 साल में कचरा का बढ़ा उत्पादन:
एम्स नई दिल्ली द्वारा जारी एक ज्ञापन में यह कहा गया है कि 2015 के मुकाबले में भारत का प्लास्टिक कचरा उत्पादन दोगुना बढ़ा है। ऐसे में इसके उत्पादन में 21.8% की औसत वार्षिक वृद्धि हुई है। 1 जुलाई 2022 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2021 के तहत सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगा दिया गया है। यह बैन सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, बिक्री, वितरण और उपयोग पर लगा है।