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बेंगलुरू (आईएएनएस)| अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में कर्नाटक पार्टी के वरिष्ठ नेता व गांधी परिवार के विश्वासपात्र मल्लिकार्जुन खड़गे की विजय का इंतजार कर रहा है, जो पार्टी के इतिहास में पहली बार होगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में खड़गे कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनने से तब वंचित हो गए थे, जब जद (एस) ने उन पर वरीयता देते संयुक्त सरकार के प्रमुख के रूप में वरिष्ठ नेता स्व. धरम सिंह का चयन कर लिया था।
बाद में उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति की ओर से रुख किया और संसद में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। इस बीच खड़गे को पिछले लोकसभा चुनाव में अपने गृह जिले कलबुर्गी में भाजपा उम्मीदवार से अपमानजनक पराजय का सामना करना पड़ा। बाद में वह राज्यसभा के लिए चुने गए। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि राज्य के दलित व शोषित-वंचित वर्ग के दिलों में उनके लिए विशेष स्थान है। वे उन्हें पार्टी में एक कुशल संचालक के रूप में देखना चाहते हैं।
कांग्रेस के अंदर के लोगों का विश्लेषण है कि चुनाव में खड़गे यदि विजयी होते हैं, तो इसका सीधा प्रभाव राज्य की राजनीति पर पड़ेगा और राजनीतिक समीकरण भी बदलेगा।
राज्य के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी कहा है कि अगर खड़गे एआईसीसी अध्यक्ष पद का चुनाव जीतते हैं, तो सोनिया गांधी व राहुल गांधी का रिमोट कंट्रोल खत्म होगा।
चुनाव की गतिविधि को लेकर न केवल पार्टी के नेता बहुत उत्सुक हैं बल्कि पिछड़े व वंचित वर्ग के लोग, विशेषकर दलित बहुत ध्यान से नजर गड़ाए हैं। उन्हें आशा है कि इस बार खड़गे के कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से एक नए इतिहास की रचना होगी।
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