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ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कडगम (AIADMK) 17 अक्टूबर से अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती (2021-22) के उपलक्ष्य में पूरे साल कार्यक्रम आयोजित करेगा.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कडगम (AIADMK) 17 अक्टूबर से अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती (2021-22) के उपलक्ष्य में पूरे साल कार्यक्रम आयोजित करेगा. तमिलनाडु के मुख्य विपक्षी दल ने बुधवार को यह घोषणा की. पार्टी के संस्थापक एम जी रामचंद्रन की प्रशंसा करते हुए AIADMK ने कहा कि 'क्रांतिकारी नेता' एम जी रामचंद्रन ने 1972 में न्याय एवं धर्म को कायम रखने और 'बुरी ताकत' के शासन को हटाने के लिए पार्टी की स्थापना की थी.
AIADMK के समन्वयक ओ पन्नीरसेल्वम और सह-समन्वयक के पलानीस्वामी ने एक बयान में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से 'ऐतिहासिक स्वर्ण जयंती' को खुशी और जश्न के साथ मनाने की अपील की. बयान में कहा गया कि इस मौके पर दिवंगत मुख्यमंत्रियों एमजीआर और जे जयललिता की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाना चाहिए. साथ ही पार्टी के झंडे पूरे तमिलनाडु और अन्य राज्यों में फहराए जाने चाहिए.
AIADMK नेताओं ने कार्यक्रमों के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया.
1972 में AIADMK का गठन
MGR के नाम से प्रसिद्ध एम जी रामचंद्रन ने डीएमके से अलग होकर 17 अक्टूबर 1972 को AIADMK का गठन किया था. रामचंद्रन दक्षिण भारत की राजनीति का एक बड़ा नाम और दिग्गज नेता रहे. उनका पूरा नाम मरुथुर गोपालन रामचंद्रन था. अभिनय और राजनीति एमजीआर के जीवन का प्रमुख हिस्सा रही. तमिल सिनेमा में 30 साल से अधिक समय तक राज करने वाले एमजी रामचंद्रन ने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया.
1977 में MGR तमिलनाडु के सातवें मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद वह फिर से 1980 से 84 फिर 87 तक सत्ता में रहें. हालांकि 1987 में मुख्यमंत्री रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री उनकी पत्नी जानकी रामचंद्रन बनीं, हालांकि वह केवल 24 दिनों तक ही सरकार चला सकीं. इसके बाद पार्टी की कमान जयललिता के हाथ में आ गई थी.
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