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कृषि वैज्ञानिकों ने खेती को लेकर किसानों के लिए जारी की एडवाइजरी
Bhumika Sahu
7 Dec 2021 3:50 AM GMT
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Agriculture Advisory: औसत तापमान में कमी को ध्यान में रखते हुए सरसों की फसल में सफेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं (Wheat), आलू, सरसों और सब्जियों की खेती को लेकर किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि तापमान को ध्यान में रखते हुए किसान भाई-बहन पछेती गेहूं की बुवाई अतिशीघ्र करें. प्रति हेक्टेयर 125 किलोग्राम बीज लगेगा. पछेती गेहूं की उन्नत प्रजातियों में एचडी-3059, एचडी-3237, एचडी-3271, एचडी-3117, डब्ल्यूआर- 544, पीबी डब्ल्यू-373, यूपी-2338, यूपी-2425 एवं राज-3765 हैं.
बुवाई से पूर्व बीजों को थायरम @ 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज (Seed) की दर से उपचारित करें. जिन खेतों में दीमक का प्रकोप हो किसान क्लोरपाईरिफास (20 ईसी) @ 5.0 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से पलेवा के साथ या सूखे खेत में छिड़क दें. नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटाश उर्वरकों की मात्रा 80, 40 व 40 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर के औसत में होनी चाहिए.
खरपतवार नियंत्रण करें
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा है कि किसान भाई देर से बोई गई सरसों की फसल (Mustard Crop) में विरलीकरण तथा खरपतवार नियंत्रण का कार्य करें. औसत तापमान में कमी को ध्यान में रखते हुए सरसों की फसल में सफेद रतुआ रोग की नियमित रूप से निगरानी करें. इस मौसम में तैयार खेतों में प्याज की रोपाई से पहले अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद तथा पोटास उर्वरक का प्रयोग अवश्य करें.
आलू तथा टमाटर में झुलसा रोग की संभावना
आलू की फसल में मिट्टी चढ़ाने का कार्य करें. हवा में अधिक नमी के कारण आलू तथा टमाटर में झुलसा रोग आने की संभावना है. इसलिए फसल की नियमित रूप से निगरानी करें. लक्षण दिखाई देने पर कार्बंडिजम 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या डाईथेन-एम-45 को 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें. जिन किसानों की टमाटर, फूलगोभी, बन्दगोभी और ब्रोकली की पौधशाला तैयार है, वह मौसस को ध्यान में रखते हुये पौधों की रोपाई कर सकते हैं.
पत्ती खाने वाले कीटों की निगरानी करें
गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी करते रहें. यदि संख्या अधिक हो तो बीटी @ 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा @ 1.0 एमएल को 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. इस मौसम में किसान सब्जियों की निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को नष्ट करें. सब्जियों की फसल में सिंचाई करें तथा उसके बाद उर्वरकों का बुरकाव करें.
मिलीबग से छुटकारा पाने का तरीका
इस मौसम में मिलीबग के बच्चे जमीन से निकलकर आम के तनों पर चढ़ेंगे, इसको रोकने के लिए किसान जमीन से 5 मीटर की ऊंचाई पर आम के तने के चारो तरफ 25 से 30 सेमी चौड़ी अल्काथीन की पट्टी लपेटें. तने के आस-पास की मिट्टी की खुदाई करें जिससे उनके अंडे नष्ट हो जाएंगे. किसानों को सलाह है कि वे अपनी गेंदे की फसल में पुष्प सड़न रोग के आक्रमण की निगरानी करते रहें.
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