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कृषि कानून: संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद को लेकर बनाई रणनीति, आपातकालीन सेवाओं को ही दे अनुमति

Kunti Dhruw
17 Sep 2021 5:48 PM GMT
कृषि कानून: संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद को लेकर बनाई रणनीति, आपातकालीन सेवाओं को ही दे अनुमति
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संयुक्त किसान मोर्चा ने (एसकेएम) कहा है कि 27 सितंबर को तीन कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने (एसकेएम) कहा है कि 27 सितंबर को तीन कृषि कानूनों के विरोध में भारत बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा। शुक्रवार को मोर्चा की ओर से जारी दिशा निर्देश में सुनिश्चित करने को कहा गया है कि बंद के दौरान आम जनता को जरूरी सेवाओं के लिए कोई परेशानी न हो। इस दौरान मार्केट, दुकानें, शिक्षण संस्थान और दफ्तरों को बंद रखने का मोर्चा ने आह्वान किया है। मगर एंबुलेंस, अग्निशमन सहित दूसरी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी।

मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक केंद्र और राज्यसरकार के कार्यालय, बाजार, दुकानें, फैक्टरियां, स्कूल, कॉलेज सहित दूसरे शिक्षण संस्थान को भी काम नहीं करने दिया जाएगा। सड़कों पर इस दौरान सार्वजनिक या निजी वाहनों की आवाजाही बंद रहेगी। मोर्चा ने साफ किया है कि इस दौरान केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। इसके तहत एम्बुलेंस, अग्निशमन सेवाएं शामिल हैं, जिनपर बंद का असर नहीं होगा।
संयुक्त किसान मोर्चा से संबद्ध संगठनों ने समाज के सभी वर्गों से किसानों की ओर से बंद की अपील को सफल बनाने के लिए प्रचार प्रसार करने की अपील की है ताकि बंद के दौरान किसी तरह की परेशानी न हो। बंद शांतिपूर्ण होने के साथ-साथ स्वैच्छिक भी होगा और इस दौरान आपातकालीन सेवाओं में छूट रहेंगी।
केंद्र सरकार के खिलाफ जताएंगे विरोध, बैनर भी किए जा रहे हैं तैयार
मोर्चा की ओर से देशव्यापी बंद के दौरान दिल्ली की तीनों सीमाओं के अलावा देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ किसान विरोध जताएंगे। इस दौरान बैनर में किसान विरोधी केंद्र सरकार के खिलाफ भारत बंद सहित केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों पर विरोध दर्ज होगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 20 सितंबर को मुंबई में इसके लिए राज्यस्तरीय बैठक जबकि इसी दिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर में मजदूर महापंचायत होगा। उत्तराखंड के रुड़की में 22 सितंबर को किसान महापंचायत होगा।

22 से सिंघु-टीकरी पर होगी कबड्डी प्रतियोगिता
दिल्ली की सीमाओं पर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े प्रदर्शन कर रहे किसानों की तरफ से 22 सितंबर से टीकरी, सिंघु बॉर्डर पर पांच दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता होगी। इसमें राज्यों की टीमें शामिल होंगी और अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

नौ महीने से अधिक समय से कर रहे हैं प्रदर्शन
नौ महीने से अधिक समय से किसान दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों को निरस्त करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित सरकार से खेती से जुड़े दूसरे पहलुओं की मांग पर डटे हैं। 26 सितंबर को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध के 10 महीने पूरे हो जाएंगे।

अपनी मांगों पर किसान अडिग
बारिश के दौरान भी राजमार्गों पर डटे रहने वाले किसान इससे पहले दिल्ली की सर्दी और गर्मी में भी अपनी मांगों के साथ बॉर्डर पर डटे रहे। विवादास्पद कृषि कानून की मांग पूरी होने तक किसान दिल्ली की सीमाओं से न लौटने पर अडिग हैं। सरकार और किसान नेताओं के बीच इससे पहले 10 दौर की वार्ता हो चुकी है, बावजूद इसके दोनों पक्षों के बीच गतिरोध खत्म नहीं किया जा सका।
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