केंद्र सरकार और नागा समूहों के बीच हुए समझौतों का किया जाए क्रियान्वयन : अधीर रंजन चौधरी
दिल्ली। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि नागा मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र सरकार और नागा समूहों के बीच हुए दो समझौतों का क्रियान्वयन किया जाए. चौधरी ने शाह को लिखे पत्र में यह भी कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी ने 1980 के दशक में नागा समूहों से बिना शर्त बातचीत का प्रस्ताव दिया था और 1997 में इन समूहों के साथ बातचीत की शुरुआत हुई.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, ''मौजूदा समय में दो ऐसे समझौतें हैं जो नागा समूहों और केंद्र सरकार के बीच हुए हैं...संबंधित पक्ष इन समझौतों पर क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इन समझौतों का क्रियान्वयन किया जाए.'' कांग्रेस नेता ने नागा समूहों एनएससीएन (आईएम) और 'नागा नेशन पोलिटिकल ग्रुप' (एनएनपीजी) के साथ हुए समझौतों का उल्लेख किया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर चौधरी ने देश के गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर ये बात कही. उन्होंने कहा है कि मैं राष्ट्रीय सरोकार के एक बहुत ही महत्वपूर्ण मामले की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. मैं नागालैंड के लोगों के लिए समाधान तलाशने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं. उन्होंने लिखा कि 31 साल पहले हमारे नेता स्वर्गीय श्री राजीव गांधी ने नागा विद्रोहियों से बिना किसी शर्त के बातचीत की पेशकश की. 19 मई 1991 दीमापुर में. यह वार्ता 1997 में शुरू हुई. वर्तमान में केंद्र सरकार और नागा के बीच हमारे पास दो आधिकारिक समझौते हैं.
3 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री के आवास पर फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. 17 नवंबर 2017 को समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. उपरोक्त मामले में राज्यपाल और वार्ताकार ने नागालैंड राज्य विधानसभा को अपने संबोधन में फरवरी 2021 ने घोषणा की कि वार्ता समाप्त हो गई है. विधानसभा ने धन्यवाद प्रस्ताव स्वीकार किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री श्री नीफियू रियो ने एक प्रस्ताव पेश कर मांग की कि समझौतों के कार्यान्वयन के समर्थन के बजाय बातचीत फिर से शुरू करें. इसे हम फ्लिपफ्लॉप कहते हैं. हितधारक सहमति बिंदुओं पर विचार के बाद समझौते के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं. उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया उपरोक्त समझौतों को लागू करने की कृपा करें.