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अग्नि -5 मिसाइल: देश के वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता, जानें DRDO का मिशन दिव्यास्त्र क्या है?
jantaserishta.com
11 March 2024 12:29 PM
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सांकेतिक तस्वीर
नहीं होगा देश के नाम संबोधन.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को मिशन दिव्यास्त्र के लिए DRDO को बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण, मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है."
2022 में भी भारत की सबसे ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. तब इसने टारगेट को 5500 किलोमीटर दूर जाकर ध्वस्त कर दिया. इस मिसाइल को डीआरडीओ (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने संयुक्त रूप से मिलकर बनाया है. मुद्दा ये नहीं है कि इसकी रेंज कितनी है, चीन और कई देशों को यह डर है कि इस मिसाइल की जद में उनका पूरा का पूरा क्षेत्रफल आ रहा है.
इस मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने 2007 में पहली बार योजना बनाई थी. अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V) को लॉन्च करने के लिए मोबाइल लॉन्चर का उपयोग करते हैं. इसे ट्रक पर लोड करके किसी भी स्थान पर पहुंचाया जा सकता है.
अग्नि-5 मिसाइल (Agni-V ICBM) का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. अग्नि-5 मिसाइल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं. इन परीक्षणों में मिसाइल को विभिन्न मानकों पर जांचा गया. जिसमें पता चला कि यह मिसाइल दुश्मन को बर्बाद करने के लिए बेहतरीन हथियार है.
With the test of Mission Divyastra, India has joined the select group of nations who have MIRV capability. This system is equipped with indigenous Avionics systems and high accuracy sensor packages, which ensured that the re-entry vehicles reached the target points within the…
— ANI (@ANI) March 11, 2024
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