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अग्निपथ योजना: पंजाब में नहीं मिल रहा सहयोग, अब आया ये बड़ा अपडेट

jantaserishta.com
14 Sep 2022 9:34 AM GMT
अग्निपथ योजना: पंजाब में नहीं मिल रहा सहयोग, अब आया ये बड़ा अपडेट
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | फाइल फोटो

चंडीगढ़: पंजाब में अग्निपथ भर्ती योजना पर सेना के राज्य सरकार को लिखे पत्र के बाद बवाल मच गया है. बीजेपी लगातार इस मामले में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साध रही है. वहीं, इस मामले में अब सीएम भगवंत मान ने सफाई दी है. उनका कहना है कि सभी डिप्टी कमिश्नर को आदेश दे दिया गया है कि वे पंजाब में अग्निपथ भर्ती योजना को लेकर सेना के अधिकारियों को पूर्ण सहयोग दें.
दरअसल, सेना ने पंजाब सरकार से कहा है कि उसे अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैली के लिए स्थानीय प्रशासन का समर्थन नहीं मिल रहा है. जालंधर में सेना के जोनल भर्ती अधिकारी ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि स्थानीय नागरिक प्रशासन का समर्थन न मिलने की वजह से अग्निपथ योजना के तहत भर्ती रैलियों को या तो स्थगित किया जा सकता है या अन्य पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है.
सेना का ये पत्र सामने आने के बाद बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साध रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि पंजाब हमेशा युवाओं के जोश की वजह से सेना में सेवा देने में सबसे आगे रहा है और यह जानकर हैरानी होती है कि आप सरकार ने जानबूझकर केंद्र की योजना को विफल करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ पंजाब के युवाओं को अग्निपथ योजना के तहत रोजगार से वंचित करेगा बल्कि उनमें निराशा भी फैलाएगा.
वहीं, सेना के इस पत्र के सामने आने के बाद अब सीएम भगवंत मान ने बयान जारी किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नर को पंजाब में अग्निपथ योजना की भर्ती के लिए सेना के अधिकारियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि किसी भी ढिलाई को गंभीरता से लिया जाएगा. राज्य से सेना में अधिक से अधिक उम्मीदवारों की भर्ती के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.
हालांकि, इसे लेकर पंजाब के वित्त मंत्री की राय कुछ अलग रही. उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले को नहीं देखा है. लेकिन पंजाब के युवाओं ने सेना में रहकर बलिदान दिया है. हम अग्निपथ योजना का विरोध करते रहे हैं और करेंगे.
जालंधर जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह ने 8 सितंबर को पंजाब के मुख्य सचिव प्रमुख सचिव रोजगार, कौशल विकास और प्रशिक्षण कुमार राहुल को लिखे पत्र में कहा, हम आपके ध्यान में ये लाने के लिए विवश हैं कि बिना किसी स्पष्ट प्रतिबद्धता के स्थानीय नागरिक प्रशासन का समर्थन कम हो रहा है. स्थानीय प्रशासन के अधिकारी आमतौर पर सरकार के निर्देशों की कमी या धन की कमी की वजह से समर्थन में अपर्याप्तता का हवाला दे रहे हैं.
पत्र में कहा गया है कि कुछ जरूरी आवश्यकताएं हैं, जिन्हें स्थानीय प्रशासन को भर्ती रैलियों को आयोजित करने के लिए प्रदान किया जाना चाहिए. इसमें कानून और व्यवस्था के लिए पुलिस सहायता, भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक बैरिकेडिंग शामिल हैं, ताकि उम्मीदवार आसानी से आ सकें. पत्र में कहा गया है कि प्रशासन द्वारा भर्ती के दौरान मेडिकल ऑफिसर, उनकी टीम और एंबुलेंस की व्यवस्था करने की जरूरत है. इसके अलावा प्रशासन को किसी खास स्थल पर रैली करने वाले 14 दिनों के लिए प्रतिदिन 3,000 से 4,000 उम्मीदवारों के लिए रेन शेल्टर, पानी, मोबाइल शौचालय और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए.
पत्र में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि जब तक इन व्यवस्थाओं को करने के लिए स्पष्ट प्रतिबद्धता नहीं दिखती, हम राज्य में सभी भर्ती रैलियों और प्रक्रियाओं को रोकने के लिए सेना मुख्यालय के सामने मामला उठाएंगे. या पड़ोसी राज्यों में वैकल्पिक रूप से रैलियां आयोजित करने के लिए कहेंगे. पंजाब के लुधियाना में अगस्त में भर्ती रैलियों का आयोजन किया गया था, गुरदासपुर में 1-14 सितंबर तक रैली चल रही है. वहीं, 17 से 30 सितंबर तक पटियाला में आयोजित होने वाली है.
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