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सरकारी अस्पताल के बाहर एजेंट सक्रिय, मरीज़ों को लेकर जाते निजी अस्पताल

Admin4
19 Feb 2024 1:28 PM GMT
सरकारी अस्पताल के बाहर एजेंट सक्रिय, मरीज़ों को लेकर जाते निजी अस्पताल
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रायसेन। जिला अस्पताल में एंबुलेंस चालक और सरकारी कर्मचारी मोटे कमीशन के फेर में एजेंट बने हुए हैं ।उन्हें इसके बदले मेंशहर के दो प्राइवेट अस्पताल संचालक 5 से लेकर 10 परसेंट कमीशन भी दे रहे हैं।बताया जाता है कि कुछ स्वास्थ्य कर्मचारीऔर एम्बुलेंस चालक जिला अस्पताल में बेहतर इलाज न मिलने का उनके परिजनों को झांसे देकर नगर के दो निजी अस्पताल में भर्ती कराने का खौफ देते हैं।मरीजों का मर्ज ठीक न होने की वजह से उनके परिजन मानसिक रूप से परेशान होते हैं।वह मजबूरी में अपने मरीजों को कमीशन के फेर में कमीशनखोरी करने वाले दलालों के चक्कर मेंआसानी से फंस जाते हैं।
सूत्रों से पता चला है कि सांची रोड़ स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल सहित सागर रोड़ और बंधन मैरिज गार्डन के सामने निजी अस्पताल के संचालकों द्वारा एम्बुलेंस वाहन चालकों स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा एक मरीज लाने पर एक हजार रुपये और बिलों पर 10 फीसदी मोटा कमीशन तय रहता है।यह कमीशनखोरी का गोरखधंधा रात के वक़्त अधिक रहता है।रात में आने वाले मरीज व उनके परिजन इमरजेंसी में ड्यूटी पर डॉक्टर जब नहीं मिलते तब मरीजों की जान का खौफ बताकर ऐसी कमीशनखोरी करते हैं। मरीज के परिजनों को मौत होने की बात कर यह कमीशन एजेंट उन्हें काफी डरा देते हैं ।
मजबूरी में अपनी मरीज की सेहत की खातिर जल्दबाजी मे फैसला ले लेते हैं।मरीज की जान का खतरा होने का दबाव बनाकर ऐसा कमाई का जरिया बना लेते हैं।
मरीजों के परिजनों को सक्रीय दलाल ऐसे घेरते हैं....
इस कमीशनखोरी के गौरख धंधे में लिप्त एम्बुलेंस चालक से लेकर कुछ जिला अस्पताल के छोटे स्वास्थ्य कर्मचारी निजी अस्पताल संचालकों से सांठगांठ से उनके तार तीन निजी अस्पताल संचालकों से जल्दी तार जुड़ जाते हैं।मरीज और उनके परिजनों को उनका हितैषी बताकर ओपीडी पर्चा बनवाकर प्राथमिक उपचार खुद खड़े होकर कराते हैं।इसके बाद वह कमीशनखोर एजेंट मरीज की जान का खतरा बताकर उन्हें निजी अस्पतालों में घेरना शुरू कर देते हैं।एजेंट
निःशुल्क इलाज का आयुष्मान कार्ड से हवाला देकर अपनी गिरफ्त में लेते हैं।दरअसल घायल या गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को आयुष्मान योजना के जरिए मुफ्त इलाज मिलता है।लेकिन मरीजों को दवाईयों का बिल चुकाना होता है।मरीजों के इलाज के एवज में निजी अस्पताल संचालकों को आयुष्मान कार्ड से रकम मिल जाती है।
निजी अस्पताल में सरकारी डॉक्टर दे रहें सेवाएं... काट रहे जमकर चांदी
एक निजी हॉस्पिटल सांची रोड़ बंधन मैरिज गार्डन में सरकारी डॉक्टर मोटी कमाई करने के चक्कर में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए कमाई के फेर में लगे रहते हैं।इसी तरह जिला अस्पताल के समीप एक निजी अस्पताल में भी प्रायवेट चिकित्सक कम बजाय सरकारी डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
इनका कहना है.....
निजी या सरकारी एम्बुलेंस चालक या कोई भी व्यक्ति मरीजों को इलाज के निजी अस्पताल में लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारी ,दलाल यदि प्रायवेट अस्पताल ले जाने के लिए कोई दबाव बनाते हैं तो आप मुझे शिकायत कर सकते हैं।संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डॉ अनिल ओढ़ सिविल सर्जन रायसेन
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