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'सावरकर बनाम टीपू सुल्तान' पोस्टर विवाद के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Nilmani Pal
18 Aug 2022 2:25 AM GMT
सावरकर बनाम टीपू सुल्तान पोस्टर विवाद के बाद सरकार ने लिया बड़ा फैसला
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कर्नाटक। कई शहरों में हाल ही में हुए 'सावरकर बनाम टीपू सुल्तान' पोस्टर विवाद के बाद अब सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेजों में रोजाना राष्ट्रगान अनिवार्य कर दिया है.

जारी आदेश के मुताबिक अब राज्य के सभी सरकारी, गैर सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों में राष्ट्रगान अनिवार्य रूप से गाना होगा. इसे सुबह साहूमिक तौर पर गाया जाएगा. हालांकि सरकार ने अपने आदेश में मैदान में राष्ट्रगान गाने से छूट देते हुए इसे कक्षाओं के अंदर गाने की बात कही है. कर्नाटक सरकार के इस फैसले को राज्य में राष्ट्रवाद की हवा को दिशा देने के कदम से जोड़कर देखा जा रहा है. बता दें कि हाल ही में राज्य में सावरकार और टीपू सुल्तान के पोस्टर फाड़ने को लेकर दो गुट आमने सामने आ गए थे. 15 अगस्त के दिन कर्नाटक के शिमोगा में सावरकर और टीपू सुल्तान की होर्डिंग लगाने को लेकर दो गुटों में विवाद हो गया था. इसके बाद पुलिस को टकराव की स्थिति को रोकने के लिए धारा 144 लगानी पड़ी थी. मामला शिमोगा के आमिर अहमद सर्किल का था.

पुलिस के मुताबिक, आमिर अहमद सर्किल पर एक गुट लाइट के खंभे पर सावरकर की होर्डिंग लगाना चाहता था. वहीं दूसरा गुट इस पर मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की फोटो लगाना चाहता था. इसे लेकर दोनों गुट भिड़ गए थे.इसके बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था. वहीं, धारा 144 भी लागू कर दी गई थी. इस झड़प के बाद शाम को एक युवक प्रेम सिंह पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला कर दिया था. प्रेम सिंह उस वक्त अपनी दुकान बंद कर घर लौट रहा था.

हालांकि, इस मामले में यह पता नहीं चला पाया कि दो गुटों में झड़प का संबंध युवक पर हमले से है, या नहीं. पुलिस ने इस मामले में सेक्शन 307 के तहत नदीम, तनवीर, मोहम्मद जबी और अब्दुल रहमान के खिलाफ मामला दर्ज किया था. एडीजी लॉ आलोक कुमार ने बताया कि पीड़ित राजस्थान का रहने वाला है. वह यहां एक कपड़े की दुकान पर काम करता है. यह दुकान उसी इलाके में हैं, जहां झड़प हुई थी. हालांकि, यह युवक झड़प में शामिल नहीं था.

एडीजी ने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस यह जांच कर रही है कि इन आरोपियों का क्या बैकग्राउंड है और इनकी विचारधारा क्या है? एडीजी ने बताया कि इलाके में अगले तीन दिन तक पुलिस बल तैनात करने और गश्त करने का फैसला किया गया है. वहीं, इस घटना के अगले ही दिन तुमकुर में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी. यहां लोगों के एक समूह ने विनायक दामोदर सावरकर का पोस्टर फाड़ दिया था. सावरकर का पोस्टर स्वतंत्रता दिवस समारोह के उपलक्ष्य में लगाया गया था.

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