भारत

एनआरसी लागू होने के बाद 85 साल की भानुमति को मिला नोटिस, 21 साल बाद एक बार फिर साबित करनी होगी अपनी नागरिकता

HARRY
29 July 2022 6:07 PM GMT
एनआरसी लागू होने के बाद 85 साल की भानुमति को मिला नोटिस, 21 साल बाद एक बार फिर साबित करनी होगी अपनी  नागरिकता
x

असम में एनआरसी लागू होने के बाद से कई बार ऐसी ख़बरें आई हैं कि वहां सालों-साल बाद लोगों को फिर से नागरिकता साबित करनी पड़ी रही है. अब फिर एक मामला आया है. जिसमें 85 साल की भानुमति को नागरिकता साबित करने के लिए थाने से नोटिस मिला है. हालांकि, वह 21 साल पहले एक बार अपनी नागरिकता साबित कर चुकी हैं लेकिन अब फिर से उन्हें खुद को भारत का नागरिक साबित करना होगा.

जानकारी के मुताबिक, असम की भानुमति को पहले विदेशी न्यायाधिकरण अदालत ने भारतीय घोषित किया था. उन्हें एक बार फिर अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजा गया है. महिला भानुमति बरोई, कामरूप (ग्रामीण) जिले के बोको इलाके में रहती हैं. सीमा पुलिस द्वारा उस पर विदेशी होने का आरोप लगाया गया है. वृद्धावस्था की बीमारी और एक पैर में फ्रैक्चर के कारण, बरोई अपने आप सामान्य रूप से नहीं चल सकती.
21 साल पहले साबित कर चुकी हैं नागरिकता
1998 में पुलिस ने भानुमति के खिलाफ भी ऐसा ही आरोप लगाया था. उस समय, वह राज्य में एक विदेशी न्यायाधिकरण अदालत के समक्ष पेश हुई और 1965 और 1971 की मतदाता सूची जमा की, जिसमें उनके पिता का नाम था. इसके साथ ही, उन्होंने एक भारतीय नागरिक के रूप में अपने दावे के समर्थन में पंचायत प्रमाण पत्र और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज जमा किए. 2001 में नलबाड़ी में फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल कोर्ट ने भानुमती को भारतीय घोषित किया.
अब फिर लगा विदेशी होने का आरोप
21 साल बाद पुलिस ने फिर उस पर विदेशी होने का आरोप लगाया और बोको के चोमोरिया थाने से उसके घर नोटिस भेजा गया. भानुमती बारपेटा जिले के जशेदारपम गांव की रहने वाली हैं. बोको क्षेत्र के त्रिलोचन गांव के गोपाल बरोई से शादी के बाद वह बोको चली गई. उसके दो बेटे हैं.
कई चुनावों में डाला है वोट
अखिल असम बंगाली परिषद के कामरूप जिला अध्यक्ष संजय सरकार ने कहा कि परिवार बहुत खराब स्थिति में रहता है और हाल ही में विदेशी का नोटिस मिलने के बाद उनकी पीड़ा बढ़ गई है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि भानुमती का नाम राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) में आया और उन्होंने कई चुनावों में अपना वोट डाला.
कांग्रेस ने लगाया निशाना बनाने का आरोप
इस बीच, असम कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने भानुमती के घर का दौरा किया और भाजपा पर तंज कसा.उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि भाजपा ने हिंदू बंगालियों को नागरिकता देने का वादा किया था, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है. उन्होंने कहा कि असम में सत्तारूढ़ सरकार के तहत एनआरसी के नाम पर हिंदू बंगालियों को निशाना बनाया जाता है.
Next Story