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असफलता के बाद कड़ी मेहनत कर कृष्ण कुमार बने IPS अफसर, ऐसे की परीक्षा​ की तैयारी ​

jantaserishta.com
11 Jan 2022 1:17 PM GMT
असफलता के बाद कड़ी मेहनत कर कृष्ण कुमार बने IPS अफसर, ऐसे की परीक्षा​ की तैयारी ​
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नई दिल्ली: अगर आप असफलताओं से घबराए बिना अपनी मंजिल तक पहुंचने की कोशिश करेंगे, तो आपको सफलता जरूर मिल जाएगी. आज आपको यूपीएससी (UPSC CSE 2020) में ऑल इंडिया रैंक 24 हासिल कर आईएएस अफसर बनने वाले कृष्ण कुमार सिंह (Krishan Kumar Singh) की कहानी बताएंगे. असफलताओं से निराश होकर उन्होंने एक बार के लिए अपनी राह बदल ली और बैंक की नौकरी ज्वाइन कर ली. लेकिन उनके अंदर आईएएस बनने की इच्छा अधूरी रह गई थी, जिसकी वजह से वह एक बार फिर मैदान में उतरे और सफलता हासिल कर ली. चौथे प्रयास में उन्हें आईपीएस सेवा मिली पर पांचवें प्रयास में उन्हें मन मुताबिक आईएएस सेवा मिल गई.

कृष्ण कुमार सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं, लेकिन उनका ज्यादातर समय दिल्ली-एनसीआर में बीता. गाजियाबाद के एक स्कूल से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने बीटेक में दाखिला ले लिया और दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी है. जब कई बार उन्हें असफलता मिली तो वे निराश हो गए और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का टेस्ट पास करके मैनेजर बन गए. बैंक की नौकरी हासिल करने के बाद भी उनकी आईएएस बनने की इच्छा प्रबल रही. फिर क्या था वे दोबारा मैदान में उतरे और लगातार दो बार यूपीएससी परीक्षा पास की.
कृष्ण कुमार ने सिलेबस के अनुसार अपनी पढ़ाई का शेड्यूल बनाया और स्टडी मटेरियल तैयार किया. इसके बाद वे कड़ी मेहनत में जुट गए. उनका मानना है कि तैयारी के दौरान टाइम मैनेजमेंट और आंसर राइटिंग प्रैक्टिस काफी मायने रखती है. अगर आप कड़ी मेहनत कर सकारात्मक रवैया के साथ यूपीएससी के सफर में आगे बढ़ेंगे तो जरूर सफलता हासिल कर सकते हैं. वे कहते हैं कि जब आप तैयारी के लिए मैदान में उतर जाएं, तो चुनौतियों से नहीं घबराना चाहिए.
कृष्ण कुमार सिंह का मानना है कि सिविल सेवा का सपना पूरा करने के लिए कैंडिडेट्स को असफलताओं से नहीं घबराना चाहिए और लगातार लक्ष्य की तरफ बढ़ते रहना चाहिए. उन्हें तीन बार असफलता मिली और कई बार नकारात्मक ख्याल उनके दिमाग में आए. लेकिन उन्होंने खुद को स्थिर रखा और लक्ष्य पर फोकस किया. अपनी मंजिल को पाने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और पांचवें प्रयास में सफलता हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया.


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