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हार के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है

jantaserishta.com
12 March 2022 6:20 AM GMT
हार के बाद सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है
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लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर उतरे दिग्‍गज नेता स्‍वामी प्रसाद मौर्य के तेवर हार के बाद भी बरकरार हैं। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें बीजेपी की सरकार बनने का कोई गम नहीं है। न ही इस बात का मलाल है कि उन्‍होंने बीजेपी छोड़ दी। स्‍वामी ने कहा कि उन्‍होंने जो आरोप लगाए थे वे आज भी जिंदा हैं।

एक निजी न्‍यूज चैनल से बात करते हुए स्‍वामी ने कहा, 'यह बात सही है कि भाजपा की सरकार बन गई लेकिन हमने जो आरोप लगाए थे वे आज भी जिंदा हैं। भाजपा का साथ छोड़ने के लिए मुझे कोई शिकन नहीं है, मलाल नहीं है और उसका साथ छोड़ने पर भी मुझे कोई गम नहीं है।' स्‍वामी ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव के साथ हैं और समय-समय पर बीजेपी को घेरते रहेंगे।
स्‍वामी ने हाल में बीजेपी को सांप और खुद को नेवला बताते हुए एक बयान दिया। इस बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने फिर कहा कि, 'मैंने कहा था कि बीजेपी रूपी नाग को हरा दूंगा। मैं फिर कह रहा हूं नाग में ज़हर बाकी है पर मुझ नेवले को जैसे मौक़ा मिलेगा मैं नाग को ख़त्म कर दूंगा।'
स्‍वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य बीजेपी की सांसद हैं। पिता की हार के बाद एएनआई से बात करते हुए उन्‍होंने सफाई दी कि वे प्रचार में नहीं गई थीं। हार पर उन्‍होंने कहा कि कहीं कोई कमी रह गई होगी। इसके पहले संघमित्रा मौर्य ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा, ''राजनीति में जीत हार एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसा नहीं है कि हार के बाद जीत नहीं और जीत के बाद हार नहीं होती। मैं खुद आज सांसद हूं लेकिन इससे पहले दो बार हार चुकी हूं। संघर्ष करके यहां आई हूं। यह दौर सबके साथ आता है। कोई राजनीति में अमृत पीकर नहीं आया है, कि आ गया तो अमर हो गया।''
चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य और भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों में झगड़े के बाद पिता को जितवाने की अपील कर चुकीं संघमित्रा मौर्य से जब पूछा गया कि क्या वह भाजपा की जीत से खुश हैं तो उन्होंने कहा, ''बिलुकल। जनता जिसको अपना आशीर्वाद देगी, जनता जो चाहेगी वही होगा, जो जनता की बात नहीं मानेगा उसे जनता बाहर कर देगी। जनता को निर्णय मान्य है। आज प्रचंड बहुमत से सरकार बनी है वह पहले से तय था। मोदी जी की योजनाएं जो गांव, गांव घर-घर पहुंची हैं, उसका लाभ मिलने यह सबको पता था।''
ऐन चुनाव के पहले मंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद बीजेपी का साथ छोड़ सपा में शामिल हुए स्‍वामी प्रसाद मौर्य को बीजेपी के ही सुरेंद्र कुशवाहा ने सुरेन्‍द्र कुशवाहा ने स्‍वामी प्रसाद मौर्य को 45633 वोटों के ठीक-ठाक अंतर से हराया है। स्‍वामी को कुल 69710 वोट मिले जबकि बीजेपी के सुरेन्‍द्र कुशवाहा को 115343 वोट। वहीं बसपा के इलियास अंसारी 27326 वोट हासिल कर तीसरे स्‍थान पर रहे।
अब तक राजनीति के मौसम विज्ञानी कहे जाने वाले स्‍वामी प्रसाद मौर्य का विज्ञान इस बार धरा का धरा रह गया। ऐन चुनाव के पहले उन्‍होंने मंत्री पद से इस्‍तीफा देकर भाजपा छोड़ी और इस दावे के साथ सपा का दामन थामा कि उनके आने से प्रदेश में सपा की आंधी चलने लगेगी और लखनऊ के सिंहासन पर हर हाल में अखिलेश यादव की ही ताजपोशी होगी लेकिन सुरेन्‍द्र कुशवाहा ने उन्‍हें ऐसी पटखनी दी जो आने वाले समय में उनके राजनीतिक भविष्‍य पर असर डाल सकती है।
सुरेन्‍द्र कुशवाहा का नाम साल -2022 के पहले राजनीति के गलियारों में कभी नहीं सुनाई पड़ा था। पेशे से शिक्षक सुरेन्‍द्र कुशवाहा एक कॉलेज में छात्रों को भूगोल पढ़ाते थे। उनका राजनीति से सीधे तौर पर कोई जुड़ाव नही था लेकिन उम्र की वजह से विधायक पिता गंगा सिंह कुशवाहा ने इस बार चुनावी मैदान से हटने की इच्‍छा जताई तो पार्टी ने सुरेन्‍द्र कुशवाहा को मौका दिया। पहले ही चुनाव में सुरेन्‍द्र ने स्‍वामी प्रसाद मौर्य जैसी बड़ी सियासी शख्सियत को हराकर गोरखपुर से लखनऊ तक वह अचानक चर्चा में आ गए हैं।


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