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शहर के बाद ग्रामीण इलाकों में कोरोना का तांडव शुरू, इन 4 गांव में 100 से अधिक लोगों की मौत, दिखे कोरोना जैसे लक्षण

jantaserishta.com
7 May 2021 11:06 AM GMT
शहर के बाद ग्रामीण इलाकों में कोरोना का तांडव शुरू, इन 4 गांव में 100 से अधिक लोगों की मौत, दिखे कोरोना जैसे लक्षण
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हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है.

राजस्थान के सीकर से हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. सीकर के जिले के लक्ष्मणगढ़ इलाके के खीरवा गांव में पिछले 15 दिनों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है, जिसकी वजह से पूरे गांव में दहशत का माहौल है.

20 से अधिक मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया है और एहतियातन वहां सोडियम हाइपोक्लोराइट का पूरे गांव में छिड़काव किया है. गांव में सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है और पूरे गांव को जीरो मोबिलिटी कर्फ्यू इलाका घोषित कर दिया गया है.
लक्ष्मणगढ़ उपखंड अधिकारी कुलराज मीणा ने बताया कि मौत के बाद सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है. एक मेडिकल टीम डोर टू डोर सर्वे कर रही है. इसके में कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इसमें तीन की मौत हो चुकी है.
मरने वालों में ज्यादातर बुजुर्ग लोग हैं. इनमें से कई लोग कोरोना संक्रमित थे, जिनकी मौत हुई है. इसके अलावा रेंडम जांच के सैंपल लिए गए जिनमें कई कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया है. साथ ही, पूरे गांव का सर्वे किया जा रहा है.
बता दें, राजस्थान में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों में कहर बरपा रखा है. ऐसे में सीकर में 15 दिनों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत से हर कोई हैरान है. स्वास्थ्य विभाग इस मामले की जांच कर रहा है, साथ ही लोगों को सावधान रहने की सलाह दे रहा है.
राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश के कई गांवों में पिछले तीन सप्ताह से मौत का सिलसिला चल रहा है. अनेक मामलों में कारण कोरोना नहीं माना जा रहा है, मगर मौत की यह रफ्तार डरा रही है. कुछ ऐसे ही हालात रायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव के हैं.
सुल्तानपुर खेड़ा गांव में कोरोना जैसे लक्षणों के चलते एक हफ्ते में एक या दो नहीं, बल्कि 17 लोगों ने दम तोड़ दिया है. अधिकारी मौन हैं, ना ही उनकी टेस्टिंग हुई और न ही इलाज मिल पाया. इस गांव की कुल आबादी 2000 लोगों की है, यहां लगभग 500 परिवार रहते हैं. बीते कुछ दिनों से हर तरफ मौत का मंजर दिखाई दे रहा है. हर घर में आंसू और मातम पसरा हुआ है. गांव में कोरोना लक्षण जैसे जुकाम और बुखार से इंफेक्शन की शुरुआत होती है और सांस लेने में तकलीफ के बाद मौत हो जाती है.
औद्योगिक शहर कानपुर से 50 किलोमीटर दूर घाटमपुर का परास गांव. यह गांव कानपुर की सबसे बड़ी ग्रामसभा है. अकेले इस गांव की आबादी 10 हजार है. कोरोना के कारण पूरे गांव में सन्नाटा पसरा है. हर कोई खौफजदा है. दरअसल, गांव में बीते 15 दिन में ही करीब 30 लोगों की जान चली गई. किसी को 2 दिन पहले बुखार आया, अचानक से तबीयत बिगड़ी, सांस उखड़ने लगी, जब तक अस्पताल ले जाते दम तोड़ दिया तो कई तो ऐसे थे जो दिन भर अस्पताल के बाहर डॉक्टर से दवा लेने के इंतजार में ही बैठे रहे और शाम को दम तोड़ दिया.
दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर जिले में 10 दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 50 से अधिक मौतें हुई हैं. बिसरख, जेवर, दादरी के गांवों में काफी लोग बीमार है. यहां लोगों की जांच की जा रही है और न ही सैनेटाइजेशन की सुविधा है. इसकी वजह से ग्रामीण दहशत में है.
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