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2018 में सीबीएसई पेपर लीक के बाद, खामियों को दूर करने के लिए सरकार ने उठाए कदम

jantaserishta.com
26 Feb 2023 6:25 AM GMT
2018 में सीबीएसई पेपर लीक के बाद, खामियों को दूर करने के लिए सरकार ने उठाए कदम
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| कुछ वर्षों से देश में प्रश्नपत्र लीक होने, नकल करने और परीक्षा रद्द करने संबंधी घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जो हमारे देश की शिक्षा प्रणाली पर प्रश्नचिह्न् लगाती है।
अलग-अलग राज्यों को देखें तो गत वर्षों में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं। अधिकांश मामलों में संबंधित सरकारों ने इस संबंध में कोई न कोई जांच भी करवाई है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि शिक्षा संविधान की समवर्ती सूची का विषय है और केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले वित्तपोषित स्कूलों को छोड़कर अन्य स्कूल राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इस प्रकार, स्कूलों में परीक्षा से संबंधित मामलों को संबंधित राज्य सरकार के संबंधित परीक्षा बोर्डो के नियमों और अनुदेशों के अनुसार विनियमित किया जाता है।
लेकिन ऐसा नहीं है कि परीक्षाओं के तंत्र से केंद्र सरकार का कोई लेना-देना ही नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भी कई ऐसे विभाग आते हैं जो कि राष्ट्रव्यापी परीक्षाएं आयोजित करवाते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) भी आता है जो पूरे देश में लाखों छात्रों के लिए दसवीं, बारहवीं की बोर्ड समेत अन्य परीक्षाएं आयोजित करवाता है।
यूं तो सीबीएसई कि इन परीक्षाओं को बेहद प्रतिष्ठित और फुलप्रूफ माना जाता है। बीते कई वर्षों से सीबीएसई के पेपर लीक की कोई घटना सामने नहीं आई है। लेकिन स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय स्वीकार करता है कि सीबीएसई द्वारा वर्ष 2018 में आयोजित सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक के दो मामलों की सूचना प्राप्त हुई थी। इस घटना में दोषी पाए गए दोनों स्कूलों की संबद्धता तुरंत प्रभाव से समाप्त कर दी गई थी।
जिन दो विषयों का परीक्षा पत्र लीक किया गया था उनमें से एक अर्थशास्त्र (कक्षा-12) और दूसरा गणित (कक्षा -10) से संबंधित था। शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि उपर्युक्त घटनाओं के अलावा, पिछले पांच वर्षों के दौरान पेपर लीक होने की कोई घटना नहीं हुई है।
मंत्रालय ने पेपर लीक की इन घटनाओं को गंभीरता से लिया। मंत्रालय के मुताबिक दोनों घटनाएं व्यक्तिगत रूप से पदाधिकारियों के आपराधिक कदाचार के कारण हुई और इससे परीक्षाओं की सुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा।
जहां तक केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं जैसे सीटीईटी, जेएनवीएसटी, केवीएस, जेएनवीएलई का संबंध है, प्रश्न-पत्रों के लीक होने के संबंध में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि सीबीएसई ने इस मामले की सूचना संबंधित राज्य पुलिस को दी थी। डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल, ऊना, हिमाचल प्रदेश (एचपी) के केंद्र अधीक्षक, उनके दो सहयोगियों के साथ-साथ प्रश्न पत्रों के संरक्षक बैंक प्रबंधक को अर्थशास्त्र (कक्षा-12) और गणित (कक्षा-10) के प्रश्न पत्र लीक होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
इसी तरह, गणित (कक्षा-10) का प्रश्न पत्र लीक होने के आरोप में दिल्ली के मदर खजानी कॉन्वेंट स्कूल के प्रिंसिपल और दो शिक्षकों और 2-जी कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक को गिरफ्तार किया गया था। बोर्ड द्वारा सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों के संबंध में उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उपरोक्त दोनों स्कूलों की संबद्धता समाप्त कर दी गई।
सरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) जैसी महत्वपूर्ण एवं राष्ट्रव्यापी परीक्षाओं की सुचिता बनाए रखने पर भी पर ध्यान दे रही है।
सरकार ने देश में उच्चतर शैक्षिक संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करने हेतु एक स्वायत्त और आत्मनिर्भर प्रमुख परीक्षण संगठन के रूप में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की स्थापना की है।
एनटीए के रिकाडरें के अनुसार, अब तक एनटीए द्वारा संचालित एनईईटी (यूजी) और जेईई (मेन) के प्रश्न-पत्रों के लीक होने का कोई मामला नहीं है।
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