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राज्यसभा के बाद अब विधान परिषद चुनाव भी बढ़ाएगा समाजवादी पार्टी की चुनौती

jantaserishta.com
28 Feb 2024 9:33 AM GMT
राज्यसभा के बाद अब विधान परिषद चुनाव भी बढ़ाएगा समाजवादी पार्टी की चुनौती
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राज्यसभा के बाद अब विधान परिषद चुनाव भी बढ़ाएगा समाजवादी पार्टी की चुनौती

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पहले राज्यसभा चुनाव में भाजपा की जीत ने सपा के सामने अपने विधायकों को एकजुट रखने की चुनौती बढ़ा दी है। ऐसे में अब एमएलसी चुनाव सपा के लिए एक बड़ी परीक्षा बनने जा रहा है। इस बार विधान परिषद की 13 सीटों के लिए चुनाव होना है। अगर क्राॅस वोटिंग नहीं हुई तो 10 सीटें भाजपा और तीन सीटें सपा के खाते में जाएंगी।
ऐसे में अगर राज्यसभा की तरह भाजपा ने अतिरिक्त उम्मीदवार उतार दिए तो सपा की निश्चित तौर पर चुनौती बढ़ जाएगी। विधान परिषद की 13 सीटें पांच मई को रिक्त हो रही हैं। इनमें भाजपा के 10, सपा, बसपा व अपना दल (सोनेलाल) के एक-एक सदस्य शामिल हैं। यह सभी सीटें विधानसभा क्षेत्र की हैं। इनमें विधायक ही वोट देते हैं।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि यूपी विधान परिषद चुनाव में सपा पीडीए समीकरणों को साधने का पूरा प्रयास करेगी। पार्टी मुस्लिम, कुर्मी, और दलित समाज के नेताओं को मौका दे सकती है। इसके लिए पार्टी होमवर्क करने में जुटी है।
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि विधान परिषद में अब पूरी तरह से पीडीए फॉर्मूला लागू होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए टिकट का वितरण किया जाएगा। हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष ने फॉर्मूला तैयार कर लिया होगा, जिससे आसानी हो सके।
राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि राज्यसभा के बाद जिस तरह से सपा के विधायकों की टूट हुई है। अब पार्टी सबक लेगी। पार्टी के मुखिया अपने सहयोगी दलों से मशविरा और लोकसभा चुनाव में समीकरण के हिसाब से ही टिकट देंगे। इसकी बानगी देखने को मिली है। उन्होंने शाह आलम गुड्डू जमाली को पार्टी में शामिल किया है। चर्चा है कि उन्हें टिकट देकर अपने वोट बैंक साधने का प्रयास अखिलेश यादव कर सकते हैं। ऐसे ही पश्चिम से जयंत के जाने के बाद जाट गुर्जर पर दांव खेल सकते हैं। इस चुनाव में वह अपने सहयोगी दल का ख्याल रख सकते हैं।
रावत कहते हैं कि राज्यसभा चुनाव में जिस तरह क्रॉस वोटिंग हुई है, उसने विधान परिषद में भी 'खेल' की आशंका बढ़ा दी है। ऐसे में उन्हें अपने विधायकों और सहयोगी दलों को एकजुट रखने की चुनौती है। हालांकि, संख्या बल के आधार पर सपा अपने तीन उम्मीदवारों को बड़े आराम से जीत दिला लेगी। लेकिन, भाजपा ने 11वां उम्मीदवार उतारा तो राज्यसभा की तरह क्रॉस वोटिंग की संभावना बढ़ सकती है।
ज्ञात हो कि भारत निर्वाचन आयोग ने पांच मई को रिक्त होने वाली 13 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिए हैं। चार मार्च को चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन शुरू हो जाएंगे। 11 मार्च तक नामांकन भरे जाएंगे। 12 को नामांकन पत्रों की जांच और 14 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 21 मार्च को मतदान होगा।
इसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना कर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। भाजपा के डॉ. महेंद्र कुमार सिंह, मोहसिन रजा, अशोक कटारिया, अशोक धवन, बुक्कल नवाब, यशवंत, विजय बहादुर पाठक, विद्या सागर सोनकर, डॉ. सरोजनी अग्रवाल और निर्मला पासवान का कार्यकाल खत्म हो रहा है। सपा के नरेश चन्द्र उत्तम, बसपा के भीमराव अम्बेडकर व अपना दल (सोनेलाल) के आशीष पटेल का भी कार्यकाल खत्म हो रहा है।
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