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मॉस्को: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्व नाजी सैनिक का संसद में सम्मान करने को लेकर कनाडा की कड़ी आलोचना की है. पुतिन ने कनाडा के इस कदम को घिनौना करार दिया. साथ ही पुतिन ने यूक्रेन पर पिछले साल फरवरी में हमला करने के रूस के फैसले को सही बताया. पुतिन ने कनाडा की ये फटकार ऐसे वक्त पर लगाई है, जब खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या को लेकर भारत के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हैं.
दरअसल, पिछले महीने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की कनाडा पहुंचे थे. यहां उन्होंने कनाडा की संसद को संबोधित किया था. इस दौरान द्वितीय विश्व युद्ध में एडॉल्फ हिटलर की ओर से लड़ने वाले नाजी सैनिक यारोस्लाव हुंका को बुलाया गया था. कनाडा के स्पीकर एंथनी रोटा ने हुंका को असली हीरो बताया था. इसके बाद कनाडाई सांसदों ने खड़े होकर तालियां बजाकर नाजी सैनिक का स्वागत किया था.
नाजी सैनिक को सम्मानित करने पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कई देशों ने आलोचना की थी. इसके बाद कनाडा के स्पीकर को इस्तीफा देना पड़ा था. अब पुतिन ने भी कनाडा की संसद में नाजी सैनिक के सम्मान को लेकर निशाना साधा है. पुतिन ने कहा, चलिए मान लेते हैं कि वह यह (नाजी सैनिक को) नहीं जानते थे. लेकिन अगर वे यह नही जानते कि हिटलर और उसके साथियों ने युद्ध के दौरान रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, तो वह मूर्ख है. इसका मतलब वे स्कूल नहीं गए.
व्लादिमीर पुतिन ने कहा, यह घिनौना है कि सभी ने नाजी सैनिक की तारीफ की. खासकर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने, जिसकी रगों में यहूदी खून है. वहीं, कनाडा के डिप्टी पीएम क्रिस्टिया फ़्रीलैंड से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे पूर्व स्पीकर की भयानक गलती बताया और कहा कि रूसी राष्ट्ररपति को इसका फायदा नहीं उठाना चाहिए.
इस दौरान पुतिन ने भारत की भी तारीफ की है. पुतिन ने भारत के संप्रभु नीति की तारीफ की. पुतिन ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता को सफल बताया. उन्होंने कहा, भारत इस इसलिए सफल हुआ क्योंकि भारत ने जी-20 एजेंडे का राजनीतिकरण नहीं किया. भारत को रूस से दूर करने की कोशिशें निरर्थक हैं, भारत एक स्वतंत्र राज्य है.
जहां नाजी सैनिक के सम्मान को लेकर कनाडा की आलोचना हो रही है, वहीं भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तनावपूर्ण चल रहे हैं. दरअसल, कनाडा में इस साल जून में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर को कनाडाई नागरिक बताते हुए उसकी हत्या में भारतीय सरकार के एजेंट्स का हाथ बताया था. इसके बाद कनाडा ने भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. इसके जवाब में भारत ने भी कनाडा के राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.
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