कैथल। मुख्यमंत्री की घोषणाओं को अमली जामा पहना हुए मार्किंग बोर्ड ने अब प्रदेश की कुल 1260 सड़कों को 11 जिलों में जिला परिषद को ट्रांसफर कर दिया है। अब गांवों की लोकल सड़कों की देखरेख का जिम्मा जिला परिषद संभालेगा। पहले चरण में 11 जिलों की 1260 सड़कों को जिला परिषद को सौंपा गया है। इन 11 जिलों की 997 सड़कों की स्पेशल रिपेयर या फिर एनुअल रिपेयर के लिए करीब 153.61 करोड़ रुपए के एस्टीमेट बनाए गए हैं। अब जिला परिषद के अधिकारी इन सड़कों का अपने अपने जिलों में सर्वे कराएंगें। इस सर्वे में पता लगेगा कि कौन सी सड़क को रिपेयर की जरूरत है और उस पर कितना खर्च रिपेयर व स्पेशल रिपेयर पर आएगा। इसके बाद टेंडर प्रोसेस से सड़कों को जीर्णोद्धार किया जाएगा। फिलहाल उन सड़कों को ट्रासंफर किया गया है। जो डीएलपी से बाहर है।
जिला झज्जर, कैथल, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक व सोनीपत की 288 सड़कों की एनुअल रिपेयर के लिए 4.7 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाया गया है। जिनकी लंबाई 725.47 किलोमीटर की है। वहीं 108 सड़कों की स्पेशल रिपेयर के लिए 62.37 करोड़ रुपए का बजट पाइप लाइन में है। इन सड़कों की लंबाई 388.61 किलोमीटर की है। करनाल, फतेहाबाद, भिवानी, पलवल व यमुनानगर की 601 सड़कों के लिए 86.54 करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाए गए थे। जिसमें से 373 सड़कों के 11.2 करोड़ रुपए के टेंडर खुल भी चुके हैं। प्रदीप का सोनीपत, शमशेर सिंह का कैथल, प्रदीप कुमार का महेंद्रगढ़, विजेंद्र सिंह ढिल्लों का रेवाड़ी, अजीत सिंह का रोहतक व विकास यादव का झज्जर। साथ ही एक- एक जिले में दो- दो जेई को भी पोस्टेड किया गया है।