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21 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद शख्स ने कोरोना को दी मात, घर जाते समय हुआ भावुक, डॉक्टरों को लगाया गले

jantaserishta.com
14 May 2021 8:10 AM GMT
21 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद शख्स ने कोरोना को दी मात, घर जाते समय हुआ भावुक, डॉक्टरों को लगाया गले
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एक पॉजिटिव खबर सामने आई है.

कोरोना वायरस ने हर तरफ कहर मचा रखा है. लोगों की जान जाने का सिलसिला लगातार जारी है. लोग ऑक्सीजन और बेड के लिए तरस रहे हैं. इस बीच बिहार के मुजफ्फरपुर से एक पॉजिटिव खबर सामने आई है. जहां पर एक कोरोना मरीज 21 दिन तक वेंटिलेटर पर जंग लड़ने के बाद ठीक होकर घर जाते समय भावुक हो गया.

मरीज ने खुशी से डॉक्टरों से गले लगकर रोने लगा और डॉक्टरों ने भी उसे फूलों का गुलदस्ता देकर उसकी हौसला अफजाई की और अस्पताल से छुट्टी दी. बता दें, कोरोना की वजह से मुजफ्फपुर के हालत बेहद खराब है. इसे देखते हुए दो युवा डॉक्टरों ने किराए पर लेकर एक नर्सिंग होम खोला है जिसमें कोविड मरीजों का इलाज किया जाता है.
मरीज के ठीक होने के बाद उसके परिजनों ने बताया कि वो 21 दिन से वेंटिलेटर पर था. हमारे लिए एक एक पल निकालना बेहद मुश्किल हो रहा था. उन्होंने कहा कि अपने मरीज को घर ले जाते समय आज हम सब भावुक हो रहे हैं, डॉक्टर वी मोहन और डॉक्टर गौरव वर्मा ने रात दिन मेहनत कर हमारे मरीज की जान बचा ली. हम उनके शुक्रगुजार हैं.
कोरोना काल में निजी अस्पताल मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे ज्यादा पैसे ऐंठ रहे हैं, ऐसे में इन दो युवा डॉक्टरों ने गरीबों की मदद के लिए एक छोटा सा अस्पताल खोला जिसमें वो अब तक कई कोरोना मरीजों का इलाज कर घर भेज चुके हैं.
वहीं डॉक्टर वी मोहन ने बताया कि जिस दिन हम लोगों ने इस नर्सिंग होम को शुरू किया था. उस में यहां पर सिर्फ एक मरीज था. आज यहां पर 30 मरीजों का इलाज हो रहा है. एक दिन ऑक्सीजन खत्म होने लगी तो डॉक्टर गौरव के साथ ऑक्सीजन प्लांट जाकर हम अपने कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर लाए और मरीजों का इलाज किया. डॉक्टर गौरव ने बताया कि हम पूरी पारदर्शिता के साथ बेहतर इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं. कम पैसों में हम अच्छे से अच्छा इलाज करने की कोशिश में जुटे हैं. देश के कई राज्यों से अस्ताल प्रशासन मरीजों से मन मानी रकम वसूल रहे हैं.


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