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तीन राज्यों में AFSPA का दायरा घटा, इरोम शर्मिला को सम्मानित करेगी सरकार

jantaserishta.com
3 April 2022 3:44 AM GMT
तीन राज्यों में AFSPA का दायरा घटा, इरोम शर्मिला को सम्मानित करेगी सरकार
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नई दिल्ली: मणिपुर की सरकार मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को उनके 16 साल के अफस्पा विरोधी आंदोलन (Anti AFSPA Movement) के लिए सम्मानित करेगी. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इरोम शर्मिला की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अफस्पा विरोधी आंदोलन के तहत 16 साल तक धरना और भूख हड़ताल करते हुए अपना आधा जीवन बलिदान कर दिया है. केंद्र सरकार ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों असम, मणिपुर और नागालैंड के कई हिस्सों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को हटा दिया है. इस अधिनियम के हटाने के कुछ घंटों बाद मणिपुर सरकार ने आइरन लेडी इरोम चानू शर्मिला को उनकी 16 साल की भूख हड़ताल के लिए सम्मानित करने का फैसला किया है जो AFSPA विरोधी आंदोलन का हिस्सा था.

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा, 'हम निश्चित तौर से उन्हें आमंत्रित कर उनका सम्मान करेंगे. मैं मणिपुर के लोगों, मुख्य रूप से शर्मिला की सराहना करता हूं, जिन्होंने 16 साल तक धरना और भूख हड़ताल करते हुए अपना आधा जीवन बलिदान कर दिया. मैं सभी लोगों को उन्हें समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. राज्य के कम से कम 15 पुलिस थानों के तहत आने वाले क्षेत्रों के लिए AFSPA को हटा दिया गया है.'
मणिपुर की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला 4 नवंबर 2000 से अगस्त 2016 तक भूख हड़ताल पर थीं. 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनावों से पहले पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस बनाने से पहले अफस्पा को निरस्त करने की मांग की गई थी. इंफाल के बाहरी इलाके मालोम में सुरक्षाबलों द्वारा 10 लोगों की हत्या करने के दो दिन बाद इरोम शर्मिला ने अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी.
49 वर्षीय शर्मिला मणिपुर और देश में अन्य जगहों पर AFSPA विरोधी आंदोलन का चेहरा बनीं. अब उन्होंने असम, मणिपुर और नागालैंड के कई हिस्सों से AFSPA हटाने के केंद्र के फैसले का स्वागत किया. मीडिया के साथ बातचीत में उन्होंने सरकार के इस कदम को लोकतंत्र का एक वास्तविक संकेत बताया. ये नई शुरुआत है और कई सालों से चली आ रही लड़ाई का नतीजा है. उन्होंने कहा कि अफस्पा को पूरे उत्तर-पूर्व भारत से स्थायी रूप से हटा दिया जाए. AFSPA अधिनियम सुरक्षाबलों को ऑपरेशन करने और बिना वारंट के संदिग्ध विद्रोहियों को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है.
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