AESA रडार दुश्मनों की उड़ाएगा नींद, भारत चुनिंदा देशों की लिस्ट में होगा शामिल
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारतीय वायुसेना (Indian Airfoce) स्वदेशी रूप से विकसित रडार – एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन अरै (AESA) का प्रदर्शन करने वाली है. वायुसेना में रडार के शामिल किए जाने के बाद भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा जिनके पास एक फोर्स मल्टिप्लायर है जो इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, लंबी दूरी की मिसाइलें और गाइडेड गोलाबारूद का मुकाबला कर सकता है. इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रडार डेवलपमेंट एस्टाब्लिशमेंट (LRDE) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी शेषगिरी ने इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि AESA रडार 95% स्वदेशी है. इसमें केवल एक इंपोर्टेड सबसिस्टम है. यह 100 किमी से अधिक की सीमा में आकाश में 50 निशानों को ट्रैक करने और उनमें से चार को एक साथ इंगेज कर सकता है. अगले पांच साल में वायुसेना के तेजस के सभी 83 लड़ाकू विमानों में यह रडार होगा. एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा विकसित भविष्य के जुड़वां इंजन AMCA फाइटर के पास भी ये रडार होंगे.