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दूसरे को नसीहत और खुद आगे अमेरिका, जानें पूरा मामला

jantaserishta.com
9 Jun 2022 6:51 AM GMT
दूसरे को नसीहत और खुद आगे अमेरिका, जानें पूरा मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक स्तर पर उपजे तेल संकट के बीच अमेरिका का एक फैसला सवालों के घेरे में है.

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इनमें रूस के तेल का बॉयकॉट भी शामिल था लेकिन अब तेल संकट का सामना कर रहे अमेरिका ने एक रास्ता खोज निकाला है.
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने वेनेजुएला के तेल की यूरोप में बिक्री को हरी झंडी दे दी है. इसके लिए वह वेनेजुएला पर लगे तमाम प्रतिबंधों को खत्म कर सकता है.
अमेरिका के इस फैसले से उसके दोहरे मानदंड को लेकर सवाल उठ रहे हैं. एक तरफ वह रूस के तेल के आयात को लेकर भारत और चीन पर दबाव बना रहा है.
रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने भारत पर युद्ध की फंडिंग के आरोप लगाए थे.
इन आरोपों पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यूरोपीय देश भी रूस से गैस का आयात कर रहे हैं लेकिन सवाल भारत से ही किया जा रहा है?
उन्होंने कहा था कि अगर भारत, रूस की फंडिंग कर रहा है तो क्या यूरोपीय देश ऐसा नहीं कर रहे हैं?
वहीं, अमेरिका देश के भीतर तेल की सप्लाई को लेकर उसी वेनेजुएला का तेल खरीद रहा है, जिस पर उसने खुद तमाम तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे.
वेनेजुएला पर अमेरिका के प्रतिबंधों की वजह से वेनेजुएला का तेल यूरोप में नहीं बिक पा रहा था.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इटली और स्पेन की तेल कंपनियां वेनेजुएला से तेल खरीद सकती हैं.
इटली और स्पेन की तेल कंपनियां एनी एसपीए और रेपसोल एसए अगले महीने तक वेनेजुएला के तेल को यूरोप ट्रांसपोर्ट कर सकती हैं.
अमेरिका की बाइडेन सरकार ने पिछले महीने इसे मंजूरी दी थी.
सूत्रों का कहना है कि वेनेजुएला का तेल यूरोप में बिकेगा. इसे कहीं और दोबारा नहीं बेचा जा सकता.
हालांकि, तेल कंपनियों एनी और रेपसोल को मिलने वाले तेल की मात्रा कम हो सकती है. इसका दुनियाभर में तेल की कीमतों पर प्रभाव भी कम ही पडे़गा.
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के तेल पर निर्भरता कम करने के मकसद से बाइडेन सरकार ने वेनेजुएला के तेल के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी.
अमेरिका के 18 प्रोग्रेसिव हाउस डेमोक्रेट्स ने मई में बाइडेन को पत्र लिखकर वेनेजुएला पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया था.
उन्होंने कहा था कि वेनेजुएला पर लगे उन सभी प्रतिबंधों को हटाया जाए, जिससे देश में मानवीय स्थिति बिगड़ती है.
बता दें कि अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं. इनमें वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के कथित मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर भी प्रतिबंध लगे हैं.
अमेरिकी सांसदों ने वेनेजुएला पर लगे प्रतिबंधों को हटाने और उसका तेल खरीदने के लिए हो रही बातचीत की इस साल की शुरुआत में आलोचना की थी.
विदेश संबंधों पर अमेरिका की सीनेट समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब मेनेनडेज ने कहा कि वेनेजुएला का तेल खरीदने के लिए मादुरो के साथ सौदे से मानवीय संकट के बने रहने का जोखिम है. इसने लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई देशों में एक पूरी पीढ़ी को अस्थिर कर दिया है.
टेनेसी से रिपब्लिकन सांसद मार्क ग्रीन ने कहा, ईरान या वेनेजुएला से तेल खरीदने का विचार ही चौंका देने वाला है.
ग्रीन ने कहा, हमें अमेरिका के प्राकृतिक संसाधनों का लाभ उठाना चाहिए था और ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन जाना चाहिए था. अब समय दुनिया भर में तानाशाही और निरंकुशता को खत्म करने का है.


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