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फायदे का मौका: सस्ते में खरीदे IRCTC का शेयर, एक क्लिक में जाने सभी जानकारी

jantaserishta.com
10 Dec 2020 4:15 AM GMT
फायदे का मौका: सस्ते में खरीदे IRCTC का शेयर, एक क्लिक में जाने सभी जानकारी
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रेलवे की कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) में ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिये 15 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने की सरकार योजना है. यह पेशकश गुरुवार को यानी आज खुल रही है. यानी आज से आईआरसीटीसी के शेयर सस्ते में लेने का मौका मिल सकता है.

इसमें नॉन रिटेल इनवेस्टर यानी बड़े और संस्थागत निवेशक गुरुवार को जबकि रिटेल इनवेस्टर यानी छोटे आम निवेशक शुक्रवार को हिस्सा ले सकते हैं. ऑफर ऑफ सेल्स के तहत कम से कम 25 फीसदी शेयर म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस कंपनियों जैसे इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के लिए सुरक्षित रहते हैं.
दरअसल, सरकार के विनिवेश एजेंडे में अभी आईआरसीटीसी सबसे ऊपर है. आईआरसीटीसी कंपनी पर पूरी तरह से भारतीय रेलवे का अधिकार है, जिसके पास ट्रेनों में टूरिज्म, कैटरिंग, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और सीलबंद बोतल पानी बेचने के एक्सक्लूसिव राइट्स हैं.
निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPM) के सचित तुहीन कांत पांडे ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, 'नाॅन-रिटेल निवेशकों के लिये आरआरसीटीसी में बिक्री पेशकश कल खुल रही है. दूसरे दिन यह रिटेल निवेशकों के लिए होगी. सरकार इसमें पांच फीसदी ग्रीन शू विकल्प के साथ 15 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी.'
कितनी है प्राइस
बिक्री पेशकश के लिए 1,367 रुपये का फ्लोर प्राइस रखा गया है. आईआरसीटीसी का शेयर बुधवार को कारोबार की समाप्ति पर 1,618.05 रुपये पर बंद हुआ. यह पिछले दिन के बंद भाव के मुकाबले 1.55 फीसदी नीचे रहा.
अक्टूबर 2019 में आईआरसीटीसी ने अपना आईपीओ लॉन्च किया था. जिसे निवेशकों का जबर्दस्त रेस्पॉन्स मिला था. आईपीओ के जरिए सरकार ने करीब 645 करोड़ रुपये जमा किए थे और 12.60 फीसदी की हिस्सेदारी बेची थी.
सरकार बेच रही हिस्सेदारी
कंपनी की प्रमोटर भारत सरकार इस बिक्री पेशकश के तहत अपने कुल 3.2 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी, जिससे उसे 4,374 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी. सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. हालांकि कोविड-19 को देखते हुए इस लक्ष्य का हासिल होना अब असंभव जैसा ही है.
सरकार की आईआरसीटीसी में फिलहाल 87.40 फीसदी हिस्सेदारी है. सेबी के दिशानिर्देशों के तहत सरकार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 75 फीसदी पर लानी है.
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