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Aditya-L1 Mission: सूर्य की यात्रा पर निकले आदित्य L1 को लेकर ISRO ने दिया अपडेट
jantaserishta.com
3 Sep 2023 7:01 AM GMT
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नई दिल्ली: भारत के महत्वाकांक्षी सौर मिशन आदित्य- एल1 को लेकर इसरो ने बड़ा अपडेट दिया है. आदित्य एल- 1 ने आज पहली बार अपनी कक्षा बदल दी है. यह 235x19500 किलोमीटर की कक्षा से अब सफलतापूर्वक 245x22459 किलोमीटर की कक्षा में पहुंच चुका है. इसे सूर्य की ओर पहली छलांग भी कहा जा सकता है. 16 दिनों के दौरान आदित्य एल1 पांच बार अपनी कक्षा बदलेगा और इसके बाद एल 1 पॉइंट की ओर छलांग लगा देगा।.
सूर्य की ओर आदित्य की 125 दिन की यात्रा शुरू
सबसे पहले जानिए इस रॉकेट के बारे में...
- यह PSLV रॉकेट की 59वीं उड़ान है.
- PSLV-XL वैरिएंट की 25वीं उड़ान है.
- यह रॉकेट 145.62 फीट ऊंचा है.
- लॉन्च के समय वजन 321 टन रहता है.
- यह चार स्टेज का रॉकेट है. 6 स्ट्रैप ऑन होते हैं.
ISRO अपने पहले सूर्य मिशन PSLV-C57/Aditya-L1 मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुका है. लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के दूसरे लॉन्च पैड से 2 सितंबर 2023 को 11:50 बजे की गई. यह लॉन्चिंग पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट से की गई है. इस रॉकेट की यह 25वीं उड़ान थी.
क्या करेगा रॉकेट?
- PSLV-XL रॉकेट आदित्य-L1 को धरती की निचली कक्षा में छोड़ेगा. जो 235 km x 19,500 km की पेरिजी और एपोजी वाली अंडाकार कक्षा है.
- आदित्य-L1 का वजन 1480.7 किलोग्राम है. लॉन्च के करीब 63 मिनट बाद रॉकेट से आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट अलग हो जाएगा.
- रॉकेट वैसे तो आदित्य को 25 मिनट में ही आदित्य को तय कक्षा में पहुंचा देगा.
- यह इस रॉकेट की सबसे लंबी उड़ानों में से एक है. यानी सबसे ज्यादा समय की. इससे पहले इतनी लंबी यात्रा साल 2021 में ब्राजील के अमेजोनिया समेत 18 सैटेलाइट की उड़ान थी. उसमें एक घंटा 55 मिनट लगा था.
- उससे पहले सितंबर 2016 में इस रॉकेट ने 2 घंटे 15 मिनट की उड़ान भरी थी. तब इसने आठ सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में छोड़ा था.
क्या है लैरेंज प्वाइंट?
लैरेंज प्वाइंट (Lagrange Point). यानी L. यह नाम गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैरेंज के नाम पर दिया गया है. इन्होंने ही इन लैरेंज प्वाइंट्स को खोजा था. जब किसी दो घूमते हुए अंतरिक्षीय वस्तुओं के बीच ग्रैविटी का एक ऐसा प्वाइंट आता है, जहां पर कोई भी वस्तु या सैटेलाइट दोनों ग्रहों या तारों की गुरुत्वाकर्षण से बचा रहता है.
आदित्य-L1 के मामले में यह धरती और सूरज दोनों की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बचा रहेगा. लॉन्च के बाद आदित्य 16 दिनों तक धरती के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इस दौरान पांच बार ऑर्बिट बदला जाएगा. ताकि सही गति मिले. फिर आदित्य का ट्रांस-लैरेंजियन 1 इंसर्शन होगा. यहां से शुरू होगी 109 दिन की लंबी यात्रा. जैसे ही आदित्य-L1 पर पहुंचेगा, वह वहां पर एक ऑर्बिट मैन्यूवर करेगा. ताकि L1 प्वाइंट के चारों तरफ चक्कर लगा सके.
Aditya-L1 Mission:The satellite is healthy and operating nominally.The first Earth-bound maneuvre (EBN#1) is performed successfully from ISTRAC, Bengaluru. The new orbit attained is 245km x 22459 km.The next maneuvre (EBN#2) is scheduled for September 5, 2023, around 03:00… pic.twitter.com/sYxFzJF5Oq
— ISRO (@isro) September 3, 2023
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