Aditya L1: ISRO ने फिर इतिहास रचा, सूरज के करीब L1 प्वाइंट पर पहुंचा आदित्य-L1
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नई दिल्ली: ISRO नए साल पर रच दिया इतिहास. भारत का Aditya सैटेलाइट L1 प्वाइंट के हैलो ऑर्बिट में इंसर्ट कर दिया गया है. अब भारत के पहले सोलर ऑब्जरवेटरी की धरती से दूरी 15 लाख km है. 2 सितंबर 2023 को शुरू हुई आदित्य की यात्रा खत्म हो चुकी है. 400 करोड़ रुपए का …
नई दिल्ली: ISRO नए साल पर रच दिया इतिहास. भारत का Aditya सैटेलाइट L1 प्वाइंट के हैलो ऑर्बिट में इंसर्ट कर दिया गया है. अब भारत के पहले सोलर ऑब्जरवेटरी की धरती से दूरी 15 लाख km है. 2 सितंबर 2023 को शुरू हुई आदित्य की यात्रा खत्म हो चुकी है. 400 करोड़ रुपए का ये मिशन अब भारत समेत पूरी दुनिया के सैटेलाइट्स को सौर तूफानों से बचाएगा.
आदित्य की यात्रा 2 सितंबर 2023 को को शुरू हुई थी. पांच महीने बाद 6 जनवरी 2024 की शाम ये सैटेलाइट L1 प्वाइंट पर पहुंच गया. इस प्वाइंट के चारों तरफ मौजूद सोलर हैलो ऑर्बिट (Solar Halo Orbit) में तैनात हो चुका है. हैलो ऑर्बिट में डालने के लिए Aditya-L1 सैटेलाइट के थ्रस्टर्स को थोड़ी देर के लिए ऑन किया गया. इसमें कुल मिलाकर 12 थ्रस्टर्स हैं.
आदित्य-L1 क्या है?
Aditya-L1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित ऑब्जरवेटरी (Space Based Observatory) है. यह सूरज से इतनी दूर तैनात होगा कि उसे गर्मी तो लगे लेकिन खराब न हो. क्योंकि सूरज की सतह से थोड़ा ऊपर यानी फोटोस्फेयर का तापमान करीब 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है. केंद्र का तापमान 1.50 करोड़ डिग्री सेल्सियस रहता है. ऐसे में किसी यान या स्पेसक्राफ्ट का वहां जाना संभव नहीं है.
क्या करेगा आदित्य-L1 स्पेस्क्राफ्ट?
- सौर तूफानों के आने की वजह, सौर लहरों और उनका धरती के वायुमंडल पर क्या असर होता है.
- आदित्य सूरज के कोरोना से निकलने वाली गर्मी और गर्म हवाओं की स्टडी करेगा.
- सौर हवाओं के विभाजन और तापमान की स्टडी करेगा.
- सौर वायुमंडल को समझने का प्रयास करेगा.
India creates yet another landmark. India’s first solar observatory Aditya-L1 reaches it destination. It is a testament to the relentless dedication of our scientists in realising among the most complex and intricate space missions. I join the nation in applauding this…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 6, 2024
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