अडानी ग्रुप ने अपने निवेशकों को किया आश्वस्त, अच्छी स्थिति में है बैलेंस शीट
दिल्ली। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) के भंवर में फंसे अडानी ग्रुप (Adani Group) ने अपने निवेशकों को कंपनी पर भरोसा बरकरार रखने की कोशिश की है. बुधवार को ग्रुप ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि उनकी बैलेंस शीट अच्छी स्थिति में है. इन्वेस्टर्स से चर्चा के दौरान ग्रुप सीएफओ का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जबकि उसका मार्केट कैप आधे से ज्यादा घट गया है. बुधवार को शेयर बाजार (Share Market) में कारोबार के दौरान Adani Group के चार शेयरों में फिर से लोअर सर्किट लगा, लेकिन बाकी कंपनियों के शेयर हरे निशान पर कारोबार करते हुए नजर आए. इस बीच कंपनी की ओर से बैलेंस शीट दुरुस्त होने की बात कही गई और बताया गया कि हिंडनबर्ग के असर (Hindenburg Effect) के बावजूद उनका पूरा फोकस ग्रुप के कारोबार की रफ्तार को बनाए रखने पर है.
पीटीआई के मुताबिक, अडानी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) जुगशिंदर रॉबी सिंह (Jugeshinder Robbie Singh) ने तिमाही नतीजों के बाद निवेशकों के साथ चर्चा करते हुए उन्हें भरोसा दिलाया. उन्होंने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त नकदी है और हम अपने कर्जों को चुकाने की क्षमता रखते हैं.' सिंह ने आगे कहा कि मौजूदा बाजार के स्थिर होते ही हम अपनी पूंजी बाजार रणनीति की फिर से समीक्षा करेंगे. उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि हमारा ध्यान बाजार के उतार-चढ़ाव में कारोबार की रफ्तार जारी रखने पर केंद्रित हैं.
बीते 24 जनवरी 2023 को रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग द्वारा अडानी ग्रुप को लेकर पब्लिश की गई रिपोर्ट में कई शेयरों में हेर-फेर समेत कई गंभीर आरोप लगाए गए थे. इसके बाद से गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर इस कदर टूटे कि अब तक ग्रुप का मार्केट कैप 125 अरब डॉलर तक घट गया है. हालांकि, इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद समूह की ओर से जारी स्टेटमेंट में इसे निराधार करार दिया गया था. लेकिन निवेशकों के सेंटिमेंट पर रिपोर्ट के विपरीत असर को कम करने में अडानी ग्रुप नाकाम रहा. इसके चलते गौतम अडानी की नेटवर्थ में जोरदार गिरावट देखने को मिली और अमीरों की लिस्ट में वे देखते ही देखते चौथे पायदान से 24वें नंबर पर आ गए.