जबलपुर। अब बिना लाइसेंस दूध बेचने और मिलावट करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जाएगी। सरकार की ओर से यह पत्र हाईकोर्ट के समक्ष पेश किया गया है. उक्त शपथ पत्र को रिकार्ड पर लेते हुए मुख्य न्यायाधीश रवि विजय मलिमथ एवं न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने दायर याचिका का निस्तारण कर दिया। गौरतलब है कि दूध में मिलावट और बिना लाइसेंस बिक्री को नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे ने वर्ष 2017 में एक जनहित याचिका के जरिए चुनौती दी थी. इसमें कहा गया था कि पूरे प्रदेश में दूध विक्रेता मुनाफा कमा रहे हैं. दूध में मिलावट कर नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं बिना लाइसेंस के दूध बेचा जा रहा है। सरकार इस पर नियंत्रण पाने में विफल रही है.
उक्त मामले में कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इसमें कहा गया कि उक्त मामले में कार्रवाई की गयी है और विक्रेताओं के खिलाफ मुकदमा भी चलाया गया है. जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने अपना पक्ष रखते हुए अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी. उनका तर्क था कि सरकार को उक्त मामले में लगातार कार्रवाई करनी चाहिए, लेकिन कुछ समय बाद कार्रवाई बंद कर दी जाती है, जिससे मुनाफाखोरी के लिए फिर से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ शुरू हो जाता है. इस पर कोर्ट ने सरकार को अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था. उक्त आदेश के अनुपालन में शासन की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत कर सतत् कार्यवाही करने का वचन दिया गया है। इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए कोर्ट ने केस बंद कर दिया.