भ्रष्ट IAS अफसर के करीबी कर्मचारियों पर एक्शन, ED कर रही जांच
यूपी UP News । शारदा एक्सपोर्ट और हैसिंडा प्रोजेक्ट कम्पनी को करोड़ों का फायदा पहुंचाने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण में पूर्व सीईओ आईएएस मोहिन्दर सिंह के इशारे पर कई अफसर और कर्मचारी साठगांठ से फर्जीवाड़े में शामिल रहे। लेकिन पूर्व आईएएस की शह अब उनके काम नहीं आ रही। उन पर शिकंजा कसने लगा है। लोटस-300 आवासीय योजना में ठगे गए पीड़ितों ने यह आरोप गई बार लगाए थे, अब ईओडब्ल्यू और ईडी की दोबारा शुरू हुई जांच में इनके खिलाफ कई साक्ष्य भी मिल गए है। इस पर ही तय किया गया कि वर्ष 2010 में हुए इस फर्जीवाड़े को लेकर दर्ज हुई एफआईआर में इन आरोपित अफसर-कर्मचारियों के नाम भी बढ़ाए जाएंगे।
शारदा एक्सपोर्ट और इनके साझीदार बिल्डर की लोटस-300 आवासीय प्रोजेक्ट में 636 करोड़ रुपये के घोटाले की फाइल जब खुली तभी रिटायर आईएएस मोहिन्दर सिंह की साठगांठ का खुलासा हुआ। बिल्डर के लिए वर्ष 2010 में नोएडा प्राधिकरण ने 69 हजार 942 वर्ग फीट जमीन आवंटित की थी। यह जमीन काफी कम कीमत पर बिल्डर को दी गई थी।
दस्तावेजों के मिलान में कर्मचारियों के खिलाफ साक्ष्य मिले ईडी ने मोहिन्दर सिंह, बिल्डर आदित्य गुप्ता, आशीष गुप्ता समेत आठ लोगों के कई ठिकानों पर छापेमारी की तो अकूत सम्पत्ति मिली। साथ ही कई दस्तावेज मिले। ईडी ने प्राधिकरण में उपलब्ध दस्तावेजों से मिलाना कराया तो कई तरह की गड़बड़ी सामने आने लगी। इसमें ही 12 कर्मचारियों की साठगांठ निकली। ईडी अधिकारियों का दावा है कि तत्कालीन सीईओ मोहिन्दर के कहने पर इन लोगों ने ऐसा किया। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि मोहिदर व दो कर्मचारियों ने एक और अफसर का नाम लिया था। इनकी भूमिका भी खंगाली जा रही है। विजिलेंस भी नए सिरे से जांच कर रहा है। उसकी टीम को भी इन 12 लोगों की भूमिका संदिग्ध मिली है। इसमें से तीन कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं।