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स्वामी आनन्द पर कार्रवाई, सन्यास लेने के बाद भी परिवार से संबंध रखने पर किया गया निष्कासित

Admin2
14 May 2021 4:27 PM GMT
स्वामी आनन्द पर कार्रवाई, सन्यास लेने के बाद भी परिवार से संबंध रखने पर किया गया निष्कासित
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प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने अपने शिष्य और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के छोटे महंत स्वामी आनन्द गिरी को पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी से निष्कासित कर दिया है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने स्वामी आनंद गिरि को सन्यास धारण करने के बावजूद अपने परिवार से संबंध रखने के कारण उन्हें निष्कासित किया है. उन्होंने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. उनके मुताबिक सन्यास परंपरा में आने के बाद अपने परिवार से संबंध रखने पर अखाड़े से निष्कासित कर दिया जाता है.

महंत नरेंद्र गिरि ने स्वामी आनन्द गिरी को तत्काल प्रभाव से श्री मठ बाघम्बरी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर से भी निष्कासित कर दिया है. स्वामी आनंद गिरि पर आरोप है कि बाघम्बरी गद्दी और मंदिर से अर्जित धन वे घर भेजते थे. महंत नरेन्द्र गिरी ने पूरे मामले में अखाड़े के पंच परमेश्वरों से जांच करायी थी. पंच परमेश्वरों की जांच में दोनों आरोप सही पाए थे, इसके बाद ये सख्त कार्रवाई की गई है. महंत नरेंद्र गिरि की ओर से भेजे गए पत्र पर पंच परमेश्वर कार्यकारिणी की हरिद्वार में हुई बैठक में स्वामी आनन्द गिरी के निष्कासन पर बड़ा फैसला लिया गया है. इस कार्रवाई को लेकर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के पंच परमेश्वरों की ओर से एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है.

स्वामी आनन्द गिरी अखाड़ा परिषद के महंत नरेन्द्र गिरी के सबसे करीबी शिष्यों में से एक थे. उन्हें अखाड़ा परिषद अध्यक्ष का उत्तराधिकारी भी कहा जाने लगा था, लेकिन महंत नरेन्द्र गिरी ने फोन पर न्यूज 18 से बाचचीत में स्वामी आनन्द गिरी को अपना उत्तराधिकारी बनाये जाने से इंकार किया है. बता दें कि स्वामी आनन्द गिरी आस्ट्रेलिया में 2016 और 2018 के पुराने मामले में अपनी दो महिला शिष्याओं के साथ मारपीट और अभद्रता के मामले में वर्ष 2019 में सुर्खियों में आये थे. इस मामले में उन्हें मई 2019 में जेल भी जाना पड़ा था. हांलाकि सितम्बर माह में सिडनी कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी करते हुए पासपोर्ट रिलीज करने का आदेश दे दिया था. जिसके बाद ही स्वामी आनन्द गिरी की स्वदेश वापसी हुई थी.

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