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कोतवाली पुलिस का एक्शन, पूर्व चेयरमैन और शिक्षक को दबोचा

jantaserishta.com
30 Oct 2022 2:50 AM GMT
कोतवाली पुलिस का एक्शन, पूर्व चेयरमैन और शिक्षक को दबोचा
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

जानें वजह.
बाराबंकी: यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी के पूर्व चेयरमैन व शिक्षक को नगर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को उनके आवास के पास से गिरफ्तार कर जेल भेजा है। स्कूल भवन निर्माण में धांधली व सामान खरीदने के आए धन के गबन के मामले में सतरिख थाना में इनके खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी का केस दर्ज है। इसका वाद 2007 से सीजेएम कोर्ट में लंबित है। इसके बाद से पूर्व चेयरमैन फरार घोषित किया गया था। कोर्ट की कई नोटिस के बाद भी हाजिर नहीं हो रहे थे। सीजेएम ने फरार आरोपी पूर्व चेयरमैन के खिलाफ एनबीडब्लू जारी किया था।
आवास के पास से हुई गिरफ्तारी: सरकारी धन के दुरुपयोग, गबन के मामले में विचाराधीन मुकदमें में फरार चल रहे यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी के पूर्व चेयरमैन धीरेंद्र कुमार वर्मा को नगर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेजा है।
सीजेएम ने जारी किया था एनबीडब्लू: सतरिख थाना में तीन अगस्त 2006 को तत्कालीन बीएसए राजेश कुमार वर्मा ने प्राथमिक विद्यालय पाराकुंवर के शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा के खिलाफ विद्यालय भवन निर्माण में धांधली, विद्यालय में सामान खरीद के लिए आए धन के गबन के मामले में जालसाजी, धोखाधड़ी आदि धाराओं में केस दर्ज कराया था। यह मामला सीजेएम कोर्ट में वर्ष 2007 से चल रहा है। मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद से ही आरोपी शिक्षक फरार था। इस दौरान वह यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी का चेयरमैन भी बन गया था। कोर्ट द्वारा कई बार नोटिस देने के बाद भी आरोपी धीरेंद्र कुमार वर्मा कभी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। पंद्रह साल पुराने इस मुकदमें की मॉनीटरिंग उच्च न्यायालय द्वारा की जा रही थी। सीजेएम कोर्ट से आरोपी कॉपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन को अदालत में उपस्थित होने के आदेश दिए गए लेकिन वह फरार ही रहा। सीजेएम ने 13 अक्टूबर 2022 को धीरेंद्र की गिरफ्तारी में एनबीडब्लू जारी की थी।
तत्कालीन बीएसए ने दर्ज कराया था मुकदमा: वर्ष 2006 में राजेश कुमार वर्मा जिले में बीएएस पद पर तैनात थे। तत्कालीन विभागीय सहायक अभियंता ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरायमिही के निर्माण की जांच रिपोर्ट श्री वर्मा को दी थी। धीरेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा कराया गया जिसमें लाखों का घोटाला मिला। तत्कालीन बीएसए की रिपोर्ट पर सतरिख थाना पुलिस ने 2006 को आरोपी शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में केस दर्ज हुआ। भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर तत्कालीन बीएसए राजेश कुमार वर्मा ने आरोपी शिक्षक व निर्माण प्रभारी धीरेंद्र कुमार वर्मा को वर्ष 2005 में निलंबित कर दिया था। लगातार निलंबन भत्ता ले रहा है। बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि आरोपी शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा कई सालों से निलंबित है। इनका निलंबन भत्ता बंद है। इस पर करीब 2.70 लाख रुपये रिकवरी का मामला है। विभागीय कार्यवाई भी की जाएगी।
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