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ब्रेकिंग: पुलिस का एक्शन, 100 से ज्यादा FIR, 30 से ज्यादा दबोचे गए, जानें मामला

jantaserishta.com
22 Dec 2022 5:35 AM GMT
ब्रेकिंग: पुलिस का एक्शन, 100 से ज्यादा FIR, 30 से ज्यादा दबोचे गए, जानें मामला
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC 

ऑपरेशन MASOOM (Mitigation of Adolescent Sexually Offensive Online Material) को स्पेशल सेल की IFSO यूनिट द्वारा कॉर्डिनेट किया गया था.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस, साइबर सेल (IFSO) स्पेशल सेल ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ पूरी दिल्ली में एक ऑपरेशन शुरू किया. ऑपरेशन MASOOM (Mitigation of Adolescent Sexually Offensive Online Material) को स्पेशल सेल की IFSO यूनिट द्वारा कॉर्डिनेट किया गया था.
इसकी रिपोर्ट में पूरे दिल्ली में विभिन्न थानों में कुल 105 मामले दर्ज किए गए हैं और अपराधियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई है. इस ऑपरेशन के दौरान अब तक 36 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
बता दें कि बाल अश्लील सामग्री से संबंधित उल्लंघनों की डीटेल IFSO को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के माध्यम से प्राप्त होती है, जिसका राष्ट्रीय गुमशुदा और शोषित बच्चों के लिए केंद्र (NCMEC) के साथ समझौता- है.
लापता और शोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय केंद्र (NCMEC) एक निजी और गैर-लाभकारी संगठन है. इस संगठन की स्थापना वर्ष 1984 में संयुक्त राष्ट्र कांग्रेस द्वारा की गई थी. यह संगठन यूएसए में स्थित है. संगठन ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और ऐसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ टाईअप किया हुआ है. वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के कंटेंट को स्क्रॉल/क्रॉल करते हैं. जब भी, वे बच्चों के संबंध में गोपनीयता/ अश्लील सामग्री का उल्लंघन करने वाला कंटेंट पाते हैं, तो उसे अपलोड करने वाले का आईपी एड्रेस पता करते हैं.
एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) और लापता और शोषित बच्चों के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीएमईसी) के बीच एक समझौता हुआ था.इस समझौते के तहत, एनसीएमईसी एनसीआरबी को बच्चों के खिलाफ यौन आपत्तिजनक सामग्री के बारे में साइबर टिपलाइन शिकायतें/जानकारी प्रदान कर रहा है, जिसे फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा या अपलोड किया जा रहा है. बाद में ये जानकारी राज्य नोडल एजेंसियों के साथ साझा की जाती है .इसके लिए साइबर क्राइम यूनिट (IFSO), स्पेशल सेल, दिल्ली में नोडल एजेंसी है.
टीम ने तकनीकी विश्लेषण किया और जिलों के अधिकार क्षेत्र के आधार पर इन रिपोर्ट को अलग किया. आईएफएसओ की टीम ने इन रिपोर्ट में भी संदिग्धों की पहचान की और आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए भेजी गई.
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