कर्नाटक। हाई कोर्ट से राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को बड़ी राहत मिली है। एचसी ने राज्यपाल की मंजूरी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होने तक 'MUDA घोटाले' में सिद्धारमैया पर कार्रवाई से रोक लगा दी है। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान सिद्धारमैया का प्रतिनिधित्व सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने किया। उनका तर्क था कि राज्यपाल की मंजूरी पक्षपातपूर्ण है और राजनीतिक कारणों से कर्नाटक में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास हो रहा है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी।
सिद्धारमैया ने एचसी में मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले के संबंध में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के राज्यपाल के फैसले को चुनौती दी थी। यह याचिका तब आई है जब मुख्यमंत्री को एमयूडीए की ओर से भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, सिद्धारमैया ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है।
बता दें कि राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने 17 अगस्त को MUDA की ओर से भूमि आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी। विवाद उस समय शुरू हुआ जब सामाजिक कार्यकर्ता टी जे अब्राहम, मैसूर से स्नेहमई कृष्णा और बेंगलुरु से प्रदीप कुमार एसपी सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल से सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी। आरोप है कि मैसूरु में लगभग 14 भूखंडों के आवंटन पर केंद्रित हैं। भूखंडों को लेकर इनका दावा है कि ये गलत तरीके से मुख्यमंत्री की पत्नी को दिए गए हैं।