बलात्कार केस की जांच के बहाने 30 साल की पीड़िता से अस्मत मांगने वाले ACPकैलाश बोहरा को राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह विभाग में संयुक्त शासन सचिव रामनिवास मेहता ने सोमवार सुबह ऑफिस खुलने के पहले ही निलंबन आदेश जारी कर दिए। निलंबन अवधि में कैलाश बोहरा जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय से अटैच रहेंगे। मतलब यह है कि जेल से बाहर आने के बाद निलंबन अवधि में वह जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
RPS कैलाश बोहरा जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के पूर्वी जिले में महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट में सहायक पुलिस आयुक्त थे। डीसीपी ईस्ट के ऑफिस में ग्राउंड फ्लोर पर उनका ऑफिस बना हुआ था। जहां एसीबी ने रविवार को पीड़िता के साथ बोहरा को आपत्तिजनक हालत में पकड़ा था।
अस्मत मांगने की बात सामने आने पर एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई में युवती के कपड़ों पर विशेष केमिकल लगाया था। जब कैलाश बोहरा ने युवती को स्पर्श किया। ऐसे में एसीबी द्वारा उनको गिरफ्तारी के बाद हाथ धुलवाए गए। तब पानी में हाथों से गुलाबी रंग निकलने लगा। एसीबी ने कपड़े भी साक्ष्य के तौर पर जब्त किए हैं।