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पूर्व पीएम को बम से उड़ाने की झूठी कॉल करने का आरोपी बरी, जानिए दोषी करार नहीं होने की वजह

Nilmani Pal
20 April 2023 1:18 AM GMT
पूर्व पीएम को बम से उड़ाने की झूठी कॉल करने का आरोपी बरी, जानिए दोषी करार नहीं होने की वजह
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दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने 2005 में स्वतंत्रता दिवस पर पुलिस को फर्जी कॉल करने और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बम से उड़ाने की धमकी देने के आरोपी एक व्यक्ति को बरी कर दिया है। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विपुल संदवार ने प्राथमिकी दर्ज करने के 17 साल बाद आरोपी को भारतीय दंड संहिता की दो अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध के आरोप में बरी कर दिया।

मजिस्ट्रेट ने कहा, अभियोजन संदेह से परे यह स्थापित करने में सक्षम नहीं रहा है कि आरोपी महेश ने आईपीसी की धारा 182 और 507 के तहत अपराध किया है और वर्तमान मामले में दोषी नहीं पाया गया है। अपनी जिरह के दौरान इस मामले के मुख्य गवाह, पीसीओ/एसटीडी बूथ के मालिक ललित अहमद अस्थिर थे और उन्होंने दावा किया कि कॉल के समय वह अपने पीसीओ में नहीं थे। मजिस्ट्रेट ने कहा, चूंकि अभियोजन पक्ष के गवाह 2 (अहमद) उस समय मौजूद नहीं थे जब कॉल की गई थी, उनके द्वारा दी गई कोई भी बात सुनी-सुनाई प्रकृति की होगी और इसलिए, स्वीकार्य नहीं है। अभियोजन आईपीसी की धारा 182 के तहत दंडनीय अपराध को साबित करने में विफल रहा है।

अभियोजन पक्ष यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी वह व्यक्ति था, जिसने पुलिस को फर्जी कॉल किया था। अदालत ने कहा कि पेश किए गए सबूत आरोपी को अपराध करने से जोड़ने के लिए अपर्याप्त थे।

अभियोजन पक्ष का दावा है कि 19 जुलाई, 2005 को महेश ने पीसीओ बूथ से पुलिस आपातकालीन नंबर 100 पर कॉल किया और पुलिस को झूठी सूचना दी, जिसमें कहा गया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री को स्वतंत्रता दिवस पर बम की धमकी का सामना करना पड़ा था। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दिसंबर 2010 में महेश के खिलाफ आरोप तय किए गए।

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