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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
कानपुर: कानपुर की अवैध टेनरियां एयरफोर्स के विमानों के लिए खतरा बन गई हैं। एयरफोर्स के सेफ्टी डिवीजन ने जिला प्रशासन को इस सम्बन्ध में चेताया है। डीएम को चिट्ठी भेजकर कहा है कि इन टेनरियों के कारण चकेरी में बड़े पक्षी मंडराते रहते हैं, जिनसे कभी भी विमान हादसा हो सकता है।
एयरकाफ्ट एक्ट 1934 के मुताबिक एयरफील्ड के 10 किलोमीटर के दायरे में किसी भी तरह की गतिविधि की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके बावजूद संजय नगर, शेखपुर, वाजिदपुर और प्योंदी गांव में लगातार अवैध टेनरियां चल रही हैं। खुले में चमड़े को सुखाया जा रहा है। इसलिए चकेरी एयरफील्ड के आसपास लगातार चील व बाज समेत कई बड़े पक्षी मंडराते रहते हैं।
इन पक्षियों के विमानों से टकराने के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। पक्षियों से सबसे ज्यादा प्रभावित रन-वे 27 है।
पत्राचार के बावजूद कार्रवाई नहीं एयरफोर्स अफसरों की मानें तो पक्षियों के कारण लंबे समय से एयरफोर्स के विमानों की लैंडिंग में दिक्कत हो रही है। दो बार पत्र भेजकर जिला प्रशासन को इससे अवगत भी कराया गया। इस पर डीएम ने संबंधित विभागों को आदेश दिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अवैध टेनरियों और खुले में चमड़ा सुखाने पर सीधे तौर पर कार्रवाई का अधिकार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पुलिस के पास है। प्रशासन के आदेश के बावजूद दोनों विभागों की आंखें बंद रहीं। इससे सालों से चल रहे अवैध टेनरियों के खेल पर लगाम नहीं लग पाई।
एयरफोर्स ने अपने पत्र में जो आशंका जताई है, उससे सिविल एयरपोर्ट और यात्री विमान भी प्रभावित हो सकते हैं। चकेरी में सिविल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और टैक्सी लिंक वे का काम तेजी से चल रहा है। यहां से मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु के लिए चार उड़ाने हैं।
नया टर्मिनल चालू होने के छह महीने के भीतर कोलकाता, अहमदाबाद, चेन्नई, पुणे, जयपुर की उड़ान सेवाएं भी शुरू होना प्रस्तावित है। एयरपोर्ट के प्रभारी निदेशक विजय बहादुर ने बताया कि तय समयसीमा में टर्मिनल बिल्डिंग औऱ टैक्सी लिंक वे का काम पूरा हो जाएगा। इससे कानपुर के लिए छह और फ्लाइटों का रास्ता साफ हो जाएगा।
jantaserishta.com
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