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दी सौगात आए अच्छे दिन: कमजोर वर्ग के लोगों को पक्का मकान, प्रधानमंत्री ने सौंपी चाबी, जानें डिटेल्स

jantaserishta.com
2 Nov 2022 12:29 PM GMT
दी सौगात आए अच्छे दिन: कमजोर वर्ग के लोगों को पक्का मकान, प्रधानमंत्री ने सौंपी चाबी, जानें डिटेल्स
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को पक्का मकान।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के तहत दिल्ली में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 3024 नए फ्लैट्स दिए हैं. इस खास मौके पर पीएम ने जोर देकर कहा कि पहले ही कालकाजी एक्सटेंशन में 3 हजार से ज्यादा गरीबों को घर दिया जा चुका है, आने वाले समय में सभी गरीब परिवारों को उनका खुद का घर मिल जाएगा. सभी को नए घर में गृह प्रवेश करने का मौका मिलेगा.
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि दिल्ली के कई ऐसे परिवार हैं जो सालों से झुग्गियों में रहने को मजबूर थे. लेकिन आज उनके लिए बड़ा दिन है. आज उनके जीवन की नई शुरुआत हुई है. आज उनके घर का सपना सच हो गया है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में गरीबों का कई मौकों पर जिक्र किया. उन्होंने साफ कर दिया कि वर्तमान सरकार की हर योजना के केंद्र में गरीब है, गरीबों को ध्यान में रखकर ही काम किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में गरीबों की सरकार है. ऐसी सरकार है जो गरीबों को अपने हाल पर नहीं छोड़ती है, वो सरकार है जिसकी हर नीति गरीब को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है. अब गरीबों का जिक्र तो किया ही गया, पीएम ने कार्यक्रम में वन नेशन वन राशन कार्ड की बात भी कर दी. उन्होंने बताया कि आज भी कई लोगों को राशन कार्ड से जुड़ी अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ता है. इसी वजह से सरकार की तरफ से न नेशन, वन राशन कार्ड की शुरुआत की गई थी.
जानकारी के मुताबिक, 3,024 फ्लैट्स के निर्माण में लगभग 345 करोड़ रुपये की लागत आई है. इन फ्लैट्स किचन में विट्रिफाइड फ्लोर टाइल्स, सिरेमिक टाइल्स और उदयपुर ग्रीन मार्बल काउंटर जैसी सुविधाओं से लैस हैं. इसमें सामुदायिक पार्क, इलेक्ट्रिक सब-स्टेशन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, दोहरी पानी की पाइपलाइन, , लिफ्ट और स्वच्छ जल आपूर्ति के लिए भूमिगत जलाशय जैसी सार्वजनिक सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं.
बता दें कि डीडीए ने कालकाजी एक्सटेंशन, जेलोरवाला बाग और कठपुतली कॉलोनी में ऐसी तीन परियोजनाएं शुरू की हैं. कालकाजी विस्तार परियोजना के तहत, तीन स्लम समूहों - भूमिहीन, नवजीवन और जवाहर शिविरों के पुनर्वास का काम चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है.
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