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स्कूलों में छात्रों की अनुपस्थिति कम, लेकिन बम की अफवाह में नहीं दम

jantaserishta.com
2 May 2024 6:55 AM GMT
स्कूलों में छात्रों की अनुपस्थिति कम, लेकिन बम की अफवाह में नहीं दम
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सांकेतिक तस्वीर

किसी भी स्कूल में अफवाह का माहौल नहीं था।
दिल्‍ली: दिल्ली के कई स्कूलों में गुरुवार को छात्रों की संख्या सामान्य के मुकाबले काफी कम रही। हालांकि गुरुवार को किसी भी स्कूल में अफवाह का माहौल नहीं था। स्कूल सामान्य रूप से खुले और कक्षाएं सामान्य दिनों की भांति जारी हैं।
दिल्ली के स्कूलों ने अभिभावकों को बकायदा सूचित किया है कि छात्रों को स्कूल भेजने में किसी प्रकार का खतरा नहीं है। इसके बावजूद अधिकांश स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति कम दर्ज की गई। जीडी गोयनका की चीफ एजुकेशन ऑफिसर डॉ. अमृता बहल के मुताबिक आज, हम एक ऐसी चुनौती का सामना कर रहे हैं जो हम सभी को गहराई से चिंतित करती है - स्कूलों में कम उपस्थिति। हम समझते हैं कि माता-पिता की प्राथमिक चिंता उनके बच्चों की सुरक्षा है और हाल की घटनाओं के कारण चिंता पैदा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि हम आश्वस्त करना चाहेंगे कि स्कूलों में हमारे छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम माता-पिता से आग्रह करते हैं कि वे अपने बच्चों को स्कूल लौटने के लिए प्रोत्साहित करें। कई अभिभावकों ने गुरुवार को अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। बुधवार को दिल्ली और आसपास के कई स्कूलों में बम रखे होने की अफवाह फैलाई गई थी। पुलिस ने दर्जनों स्कूलों की गहरी छानबीन की, लेकिन कहीं किसी भी स्कूल में कोई विस्फोटक सामग्री या इस प्रकार की चीज बरामद नहीं हुई।
पूर्वी दिल्ली में रहने वाले एसके शर्मा ने बताया कि बम की अफवाह के बाद से वह थोड़ा सतर्क हो गए हैं। यही कारण है कि आज भी उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा। उनका बेटा कक्षा 6 और बेटी कक्षा 9 में पढ़ते हैं। दोनों मयूर विहार स्थित एक बड़े पब्लिक स्कूल के बच्चे हैं। कुछ ऐसा ही हाल दक्षिण दिल्ली में रहने वाली दीप्ति सिंह का भी है। उन्होंने बताया कि उनके बेटे के स्कूल में बम की अफवाह फैलाई गई थी। ईमेल से आई इस झूठी खबर से सभी अभिभावक घबरा गए और अपने बच्चों को सकुशल घर लाने के लिए स्कूल पहुंच गए।
उन्होंने बताया कि न केवल उनका बेटा बल्कि उसके कई अन्य सहपाठी भी आज गुरुवार को स्कूल नहीं गए। कुछ यही हाल दक्षिण दिल्ली में रहने वाले दिनेश लखौरा का भी रहा। उन्होंने बताया कि उनके दो बेटे, जो 11वीं और 9वीं कक्षा के छात्र हैं, दोनों ही गुरुवार को स्कूल नहीं गए।
गुरुवार को कई स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को छोड़ने स्वयं पहुंचे। झूठी अफवाह के कारण कोई भी स्कूल बंद नहीं किया गया। द्वारका में रहने वाली सुनीता राणा के मुताबिक, उनके बच्चे सामान्य दिनों की तरह स्कूल गए हैं। उन्हें पुलिस द्वारा दिए गए आश्वासन पर भरोसा है। वह मानती हैं कि यह शरारती तत्वों का काम है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा का कहना है कि व्हाट्सएप और अन्य चैट समूहों पर कुछ ऑडियो संदेश भेजे जा रहे हैं कि कुछ स्कूलों में कुछ संदिग्ध वस्तुएं मिलीं। ये संदेश झूठे हैं और इनमें कोई सच्चाई नहीं है। पुलिस का कहना है कि हम सभी से अनुरोध करते हुए यह बताना चाहते हैं कि ये सभी झूठे संदेश हैं।
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