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ABG शिपयार्ड कंपनी पर 28 बैंकों से 22,842 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप, बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला!
jantaserishta.com
12 Feb 2022 12:47 PM GMT
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CBI ने दर्ज किया FIR.
Bank Fraud: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ABG शिपयार्ड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. 28 बैंकों के साथ 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है. कंपनी जहाज़ निर्माण और जहाज़ की मरम्मत का काम करती है. इसके शिपयार्ड गुजरात के दहेज और सूरत में स्थित हैं. इस कंपनी के कुल 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर के मुताबिक घोटाले का समय अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 तक बताया गया है. यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है.
एसबीआई के डीजीएम ने गुजरात की कई कंपनियों पर 22842 करोड़ के फ्रॉड का आरोप लगाया है. इस घोटाले को बैंकिंग फ्रॉड में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा सकता है क्योंकि यह नीरव मोदी से भी बड़ा घोटाला है. सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक फ्रॉड करने वाली दो कंपनियां मुख्य हैं. इनके नाम एबीजी शिपयार्ड और एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड हैं. यह दोनों कंपनियां एक ही ग्रुप की हैं.
एफआईआर के मुताबिक, इस कंपनी ने तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर बैंकों के समूह को चूना लगाया. बैंकों के साथ-साथ एलआईसी को भी 136 करोड़ रुपये का चूना लगा है. एसबीआई को 2468 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. आरोप है कि बैंकों से फ्रॉड किए गए पैसे को विदेशों में भी भेजा गया और काफी प्रॉपर्टी खरीदी गईं. तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा एक कंपनी से दूसरी कंपनी में भेजा गया.
एसबीआई की शिकायत के मुताबिक कंपनी के पास आईसीआईसीआई बैंक के 7089 करोड़, 3634 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक, 1614 करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा, 1244 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक, 1228 करोड़ रुपये इंडियन ओवरसीज बैंक के हैं.
बैंक ने सबसे पहले 8 नवंबर, 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च, 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था. बैंक ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज कराई. डेढ़ साल से अधिक समय तक "जांच" करने के बाद, सीबीआई ने 7 फरवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज करने वाली शिकायत पर कार्रवाई की.
एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी, निदेशकों - अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया.
कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी दी थी. फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें पैसे का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है.
#UPDATE | CBI is carrying out searches at several places linked to ABG Shipyard in Mumbai in connection with the Rs 22,842 crores bank fraud case
— ANI (@ANI) February 12, 2022
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