भारत

अब्दुल खालिक के बेटे ने कहा- मिल्खा सिंह का निधन मेरे परिवार और पाकिस्तान के लिए भी बड़ा नुकसान

Deepa Sahu
20 Jun 2021 6:45 PM GMT
अब्दुल खालिक के बेटे ने कहा- मिल्खा सिंह का निधन मेरे परिवार और पाकिस्तान के लिए भी बड़ा नुकसान
x
मिल्खा सिंह के प्रतिद्वंदी रहे पाकिस्तान के एथलीट अब्दुल खालिक के बेटे का कहना है

मिल्खा सिंह के प्रतिद्वंदी रहे पाकिस्तान के एथलीट अब्दुल खालिक के बेटे का कहना है कि मिल्खा सिंह के निधन के बाद दुनिया ने एक बेहतरीन एथलीट खोल दिया। उनका चले जाना यह भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए नुकसान है। ट्रैक पर उनके पिता और मिल्खा सिंह में बहुत समानताएं थीं। उनका निधन पाकिस्तान में मेरे परिवार के लिए व्यक्तिगत क्षति है।

अब्दुल खालिक के बेटे मो. एजाज ने कहा कि रावलपिंडी में उनके पिता गरीबी से जूझते हुए मिल्खा सर की तरह विश्व स्तर के एथलीट बने। मेरे पिता भी सेना में शामिल हुए और ये आर्मी का ही प्रशिक्षण था कि जहां उन्हें दौड़ने का जुनून सवार हुआ। इसके बाद वह साल 1956 से लेकर 1960 तक एशिया के सबसे तेज दौड़ने वाले एथलीट रहे। खालिक के बेटे के मुताबिक मेर पिता और मिल्खा सर की कहानी आपस में बहुत मिलती है। उन्होंने कहा कि 1956 में मेलबर्न ओलंपिक खेलों के दौरान मेरे पिता को निराशा हुई वह 100 और 200 मीटर रेस में चौथे नंबर पर रहे। वहीं 1960 में रोम ओलंपिक के दौरान 400 मीटर दौड़ में मिल्खा भी चौथे स्थान पर रहे थे।
उनका कहना है कि 2009 में उनकी पहली बार मिल्खा सिंह से बात हुई। तब उन्होंने उनसे कहा कि वो महान एथलीट हैं। मिल्खा का कहना था कि मेरे पिता बहुत महान एथलीट थे। उन्हें फ्लाइंग सिख का खिताब केवल इस वजह से मिला क्योंकि उन्होंने अब्दुल खालिक को हराया था। एजाज का कहना है कि मिल्खा सिंह बहुत बड़ी शख्सियत थे। उनका जाना वाकई झकझोरने वाला है।
उधर, भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने 2015 में चंडीगढ़ में एक समारोह में मिल्खा सिंह से पुरस्कार लेने के दिन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ने मुझ से कहा था कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। अभ्यास के समय मुझे कई बार खून की उल्टी होती थी लेकिन तुम्हें रूकना नहीं है। उन्होंने कहा कि हालांकि, मैं खुद उड़न सिख की सलाह को याद करता था। वे एक महान प्रेरक थे और मुझे हर दिन अपना सब कुछ झोकने के लिए प्रेरित करते थे।
Next Story