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धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन गई है आप : बीजेपी

Nilmani Pal
7 Oct 2022 7:22 AM GMT
धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन गई है आप : बीजेपी
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दिल्ली। दिल्ली के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम के नागपुर में आयोजित बौद्ध महासभा के आयोजन में शामिल होने पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी अब गरीब हिंदुओं को मुफ्त सामान देकर धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन गई है. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पूछा कि AAP इतनी हिंदू विरोधी क्यों है? वहीं बताया जा रहा है कि इस घटना को लेकर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भी राजेंद्र पाल गौतम से नाराज हैं.

कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर कहा कि केजरीवाल के मंत्री दिल्ली में हिंदुओं और हिंदू देवी-देवताओं को गाली दे रहे हैं और खुद केजरीवाल गुजरात में जय श्री कृष्णा के नाम पर वोट मांग रहे हैं. आम आदमी पार्टी अब गरीब हिंदुओं को मुफ्त सामान देकर धर्म परिवर्तन कराने वाली एजेंसी बन गई है. वहीं बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने नागपुर का वीडियो शेयर किया है, जिसमें हिंदू धर्म के देवी-देवताओं को नहीं मानने की शपथ ली जा रही है. वीडियो ट्वीट करते हुए मनोज तिवारी ने पूछा कि आम आदमी पार्टी इतनी हिंदू विरोधी क्यों है? आप के मंत्री हिंदू धर्म के खिलाफ शपथ ले भी रहे हैं और दिला भी रहे हैं.

विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी आम आदमी पार्टी पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जिहादी तुष्टीकरण व ईसाई मिशनरियों के संरक्षण के साथ अब आप सरकार दिल्ली में धर्मांतरण के सार्वजनिक अड्डे भी चलाने लगी? दिल्ली के मंत्री स्वयं हिंदू देवी देवताओं के खिलाफ शपथ दिला रहे हैं. राजनीति का निकृष्टम हिंदू द्रोही चेहरा और क्या होगा!! कठोरतम कार्यवाही जरूरी है.

इसका जवाब देते हुए कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि 1956 से आजतक देश और दुनिया में बौद्ध धर्म की दीक्षा ली जाती है. हर साल ये कार्यक्रम आयोजित होता है. नागपुर में जहां बाबा साहेब अम्बेडकर ने दीक्षा ली थी, वहां हर साल 15 से 20 लाख लोग इकट्ठे होते हैं. गुजरात, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, बिहार में कार्यक्रम आयोजित हुए हैं.

दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बाबा साहेब अम्बेडकर ने ज़ब दीक्षा ली थी तो उन्होंने 22 प्रतिज्ञा ली थी. किसी की आस्था या धर्म को ठेस पहुंचाना मकसद नहीं है. प्रतिज्ञाओं का एक ही मकसद है कि भारत मजबूत हो और जातिवाद मुक्त भारत बने. भारत में दलितों के साथ उत्पीड़न बढ़ गया, इसलिए आज ये दीक्षा का चलन बढ़ गया है.


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