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रजिस्ट्री पेपर्स से आधार- अंगूठे के प्रिंट लेकर फ्रॉड, 3 दिन में ठगी की 43 FIR दर्ज, जाने पूरा मामला
jantaserishta.com
8 Jun 2021 2:47 AM GMT

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फोन पर ओटीपी भी नहीं आते...
पलवल पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है जो जमीनों की रजिस्ट्री की कॉपी निकाल कर लोगों के बैंक खातों को साफ कर रहे थे. इनकी मोडस ऑपरेंडी आम साइबर ठगों से बिल्कुल अलग थी. ठगों ने करीब 3 करोड़ रुपये की ठगी करने की तैयारी कर ली थी.
इनकी मोडस ऑपरेंडी आम साइबर ठगों से बिल्कुल अलग थी. इसके लिए आरोपियों ने रजिस्ट्री से आधार नंबर और रजिस्ट्री के कागजों पर लगे अंगूठे के प्रिंट को स्कैन कर, फिर उसका रबर क्लोन बनाकर लोगों के बैंक खाते से लाखों रुपये निकाल लिए. अचानक इस तरह की बढ़ी ठगी में पलवल पुलिस ने ताबड़तोड़ तरीके से 3 दिन में 43 एफआईआर दर्ज की. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
इन लोगों ने अभी तक 31 लाख रुपये की ठगी की थी और करीब 3 करोड़ की ठगी की तैयारी कर ली थी. पुलिस ने इनके कब्जे से 2,000 से ज़्यादा रजिस्ट्री की कॉपी भी बरामद की है. पलवल पुलिस इसे साइबर ठगी का नायाब तरीका बता रही है.
फोन पर ओटीपी भी नहीं आते
पुलिस गिरफ्त में आए ये आरोपी बड़े साइबर ठग हैं जो आपकी जानकारी के बिना या आपको बिना कोई फोन पर ओटीपी पूछे या बिना कोई लिंक का मैसेज भेजे ही आप के खातों में पड़ा पूरा रुपया साफ कर सकते हैं.
पलवल के एसपी दीपक गहलावत ने बताया कि जून महीने की ही 1 से 3 तारीख के बीच पुलिस विभाग को साइबर अपराध की 43 शिकायतें मिलीं. सभी शिकायतें लगभग एक ही तरह की थीं. इसमें पुलिस ने तुरंत सभी 43 एफआईआर दर्ज की और मामले की जांच पड़ताल शुरू की. इन मामलों की सबसे खास बात यह थी कि इसमें से किसी भी पीड़ित के पास ओटीपी जानने के लिए ना कोई फोन आया और ना ही किसी तरह का कोई लिंक उन्हें भेजा गया था जिसके माध्यम से साइबर ठग आमतौर पर ठगी करते हैं.
एसपी दीपक गहलावत ने कहा कि हमें अचानक साइबर ठगी की शिकायतें मिलने लगी जिसके बाद हमने शिकायतों पर 43 एफआईआर दर्ज की.
कर्मचारी ने की थी मददः पुलिस
एसपी के मुताबिक आरोपियों ने कई जिलों में इस तरह की ठगी करने की कोशिश की लेकिन उनकी दाल नहीं गली. इसलिए नहीं कर पाई क्योंकि उन्हें कहीं भी रजिस्ट्री की कॉपी उपलब्ध नहीं हुई थी. जब ये लोग पलवल आए तो यहां एक रजिस्ट्री ऑफिस में डेली वेजिस पर काम करने वाले एक कर्मचारी तोताराम से इनकी सेटिंग हो गई और वहां से उन्होंने करीब दो हजार रजिस्ट्रियों की कॉपी निकाल ली.
'वहां से फिर इन्होंने रजिस्ट्री में अंकित लोगों के आधार कार्ड नंबर और थंब प्रिंट लिए. अंगूठे के प्रिंट को स्कैन करने बाद एक लिक्विड के माध्यम से स्टैंप बनाई जाती थी. उसकी मदद से थंब इम्प्रेशन के रबड क्लोन बना लिए और लोगों के बैंक खातों की जानकारी हासिल कर ली. इसके बाद एईपीएस (आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम) और एक गेटवे वॉलेट की मदद से इन्होंने लोगों के खातों से पैसे ट्रांसफर करना शुरू कर दिया. हालांकि इस सिस्टम में ये लोग एक बार में ₹10,000 तक की ट्रांसफर कर सकते थे, लेकिन इसे कितनी ही बार यूज किया जा सकता है. कई बार लोगों को ट्रांजैक्शन का मैसेज लेट आता है तब तक ये लोग उस बैंक खाते से लाखों रुपये की चपत लगा चुके होते थे.'
एसपी ने बताया कि अभी तक इन लोगों की ओर से पलवल में 31 लाख रुपये की ठगी के मामले सामने आए हैं, जिसमें से करीब ₹10,00,000 इनके एक बैंक खाते में थे, जिसे सीज करा दिया गया है और करीब 12,00,000 रुपये की इन्होंने हुंडई वेन्यू कार खरीद ली है. जबकि बाकी करीब ₹9,00000 की बरामदगी बकाया है. फिलहाल इस मामले में एक लड़की समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई है.
उन्होंने बताया कि इस ठगी को अंजाम देने से पहले इन लोगों ने पलवल में एक रूम किराए पर भी लिया था. एसपी के मुताबिक इन लोगों के पास से करीब 200 से ज्यादा लोगों के अंगूठे के रबड़ क्लोन बरामद किए गए हैं जिसमें हर रबड़ क्लोन के साथ स्लिप लगाई गई थी, जिसमें खाता धारक का नाम, अकाउंट नंबर, आधार नंबर और उसके खाते में कितने पैसे हैं, यह तक जानकारी थी.
एसपी का कहना है कि ये लोग कुछ ही दिनों में बाकी लोगों के साथ भी ठगी को अंजाम दे देते लेकिन ऐसा होने से पहले पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया और करीब 3 करोड़ से ज्यादा रकम की ठगी होने से बचा लिया.

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