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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एक साल का कार्यकाल पूरा

Sonam
26 July 2023 4:59 AM GMT
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का एक साल का कार्यकाल पूरा
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज मंगलवार को कार्यालय में अपना पहला साल पूरा किया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्यों के दौरे और राष्ट्रपति भवन में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के 1,750 से अधिक सदस्यों सहित 16,000 व्यक्तियों से मुलाकात की है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज मंगलवार को कार्यालय में अपना पहला साल पूरा किया. शीर्ष कार्यालय द्वारा मौजूद कराए गए आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्यों के दौरे और राष्ट्रपति भवन में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के 1,750 से अधिक सदस्यों सहित 16,000 व्यक्तियों से मुलाकात की है.

इसमें बोला गया है कि शीर्ष पद संभालने वाली पहली आदिवासी स्त्री मुर्मू ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा और यूपी समेत अन्य राज्यों की अपनी यात्राओं के दौरान आदिवासी समूहों के लगभग 1,750 सदस्यों से मुलाकात की. इसमें बोला गया है कि वह राष्ट्रपति भवन में और पिछले वर्ष राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अपनी आधिकारिक यात्राओं के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के 16,000 से अधिक लोगों से मिल चुकी हैं.

पहेल साल की उपलब्धियां

पहले साल में, राष्ट्रपति ने आठ उत्तर पूर्वी राज्यों में से छह का दौरा किया, जिसके दौरान उन्होंने गौहाटी उच्च न्यायालय के प्लैटिनम जयंती कार्यक्रम और अरुणाचल प्रदेश के राज्य दिवस कार्यक्रम जैसे जरूरी कार्यक्रमों में भाग लेने के अतिरिक्त अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम की राज्य विधानसभाओं को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने केंद्र गवर्नमेंट के 20 विधेयकों और राज्य सरकारों के 23 विधेयकों को स्वीकृति दी. पारदर्शिता और प्रभावशीलता में दृढ़ विश्वास रखने वाले मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन और लोगों के बीच संबंध को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी और नवाचार को अपनाने पर बल दिया.

इसमें बोला गया है कि साल के दौरान 90,000 से अधिक लोगों ने राष्ट्रपति भवन का दौरा किया, जबकि 1.7 लाख लोगों ने भव्य इमारत को लोगों के लिए सुलभ बनाने के उनके दृष्टिकोण के अनुसार इसके मशहूर संग्रहालय का दौरा किया. सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर ने आईएनएस विक्रांत का दौरा करने के अतिरिक्त तेजपुर वायु सेना स्टेशन के पूर्वी मोर्चे पर सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू जेट की उड़ान भी भरी, जहां उन्होंने नौसेना ऑफिसरों और नाविकों के साथ वार्ता की.

राजनयिक और तरराष्ट्रीय मोर्चे पर, राष्ट्रपति को सूरीनाम का सर्वोच्च गौरव, “ग्रैंड ऑर्डर ऑफ़ द चेन ऑफ़ द येलो स्टार” प्राप्त हुआ, उन्होंने किसी भारतीय राष्ट्रपति द्वारा सर्बिया की पहली राजकीय यात्रा की, और लंदन में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के राजकीय आखिरी संस्कार में भाग लिया.

इसमें बोला गया है कि राष्ट्रपति ने इस वर्ष के गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में राष्ट्रपति भवन में 14 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों की अगवानी करने के अतिरिक्त मिस्र के राष्ट्रपति की मेजबानी की.

‘कई परियोजनाओं की आरंभ की’

मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में, अपने पहले साल के पूरा होने के अवसर पर मुर्मू ने राष्ट्रपति संपदा पर कई परियोजनाओं की आरंभ की, जिसमें परिसर में शिव मंदिर का पुनर्विकास, डाक्टर राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय के खेल मैदान में एक क्रिकेट मंडप का निर्माण, विद्यार्थियों और प्रशिक्षकों द्वारा बनाए गए अभिनव समाधानों को प्रदर्शित करने वाली एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गैलरी शामिल है, जो प्रतिष्ठित इमारत की भव्यता के बारे में जानकारी प्रदान करती है.

उन्होंने सूत्र-कला दर्पण गैलरी का भी शुरुआत किया, जो प्राचीन वस्त्रों का एक संग्रह है, जो राष्ट्रपति भवन की समृद्ध विरासत को बताता है, जनजातीय दर्पण गैलरी, जो देश के निर्माण में विभिन्न आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि और सहयोग की एक झलक पेश करती है.

‘एक वेबसाइट और एक ई-पुस्तक संकलन लॉन्च किया’

राष्ट्रपति भवन ने एक संशोधित वेबसाइट भी लॉन्च की, जो “जनता के साथ सूचना और संचार के लिए एक व्यापक मंच के रूप में काम करेगी” इसके अतिरिक्त कार्यालय में मुर्मू के पहले साल पर आधारित एक ई-पुस्तक संकलन भी लॉन्च किया गया. उन्हें “प्रिज़र्विंग हेल्थ, एम्ब्रेसिंग ट्रेडिशन्स” नामक पुस्तक की पहली प्रति प्राप्त हुई, जो राष्ट्रपति संपदा में आयुष कल्याण केंद्र पर प्रकाश डालती है.

वेबसाइट के लॉन्च के दौरान, राष्ट्रपति के सचिव, राजेश वर्मा ने पिछले साल के दौरान राष्ट्रपति भवन द्वारा की गई विभिन्न नागरिक-केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें जनता के लिए पूरे साल मशोबरा और राष्ट्रपति निलयम में राष्ट्रपति निवास खोलना, आगंतुकों के स्लॉट बढ़ाना और अमृत उद्यान खोलने की अवधि, और नवीन सोच को बढ़ावा देने के लिए चिंतन शिविर का आयोजन करना शामिल था.

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