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तृणमूल कांग्रेस में मची भगदड़, विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी से दिया इस्तीफा, महासचिव कबीरुल इस्‍लाम ने भी छोड़ी पार्टी

HARRY
18 Dec 2020 11:03 AM GMT
तृणमूल कांग्रेस में मची भगदड़, विधायक शीलभद्र दत्ता ने पार्टी से दिया इस्तीफा, महासचिव कबीरुल इस्‍लाम ने भी छोड़ी पार्टी
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फाइल फोटो 

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के किले में एक-एक करके सेंध लगती जा रही है।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के किले में एक-एक करके सेंध लगती जा रही है। नेताओं के बीच पार्टी छोड़ने की भगदड़ जैसी मची है। शुक्रवार को पार्टी की अल्‍पसंख्‍यक सेल के महासचिव कबीरुल इस्‍लाम ने भी इस्‍तीफा सौंप दिया। उनसे पहले, वरिष्‍ठ नेता शीलभद्र दत्‍ता TMC की सदस्‍यता त्‍याग चुके थे। पिछले दो दिन में मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी को चार झटके लगे हैं। गुरुवार को सुवेंदु अधिकारी और आसनसोल से जिलाअध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने पार्टी छोड़ दी थी। बता दें कि शीलभद्र दत्ता 24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक हैं। सुवेंदु के साथ शीलभद्र के भी बीजेपी का दामन थामने के कयास लगाए जा रहे हैं।

उधर जितेंद्र तिवारी भी दो बागियों के साथ कोलकाता पहुंचे हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ चेयरमैन पद भी छोड़ दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा, 'जब राज्य सरकार को लगा कि मेरा जीवन कीमती है, उन्होंने मुझे सुरक्षा दी। अब सरकार को लगता है कि मेरे जीवन का कोई मोल नहीं है, मेरी सिक्यॉरिटी हटा दी गई।' फिलहाल जितेंद्र पांडेश्वर से विधायक हैं।
ममता ने बुलाई इमर्जेंसी बैठक
वहीं तृणमूल कांग्रेस में बड़े नेताओं के बागी होने के बाद पार्टी की चिंता बढ़ने लगी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को टीएमसी की इमर्जेंसी की मीटिंग बुलाई है। हालांकि, टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि यह कोई इमर्जेंसी मीटिंग नहीं है, बल्कि यह पार्टी की नियमित बैठकों का ही एक हिस्सा है।
चुनाव से पहले टीएमसी में भगदड़
टीएमसी सूत्रों ने बताया कि हर शुक्रवार पार्टी की अध्यक्ष टीएमसी नेताओं से बैचों में मिलती हैं। बता दें कि अगले साल बंगाल की 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ मची है।
डीजीपी और मुख्य सचिव से बात करेंगे गृह सचिव
पश्चिम बंगाल में तेज सियासी हलचल के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला आज डीजीपी विरेंद्र और मुख्य सचिव अलप्पन बंदोपाध्याय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करेंगे। एक दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने तीनों आईपीएस अधिकारियों को फिर से समन भेजा था। बता दें कि पश्चिम बंगाल में जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद से डीजीपी- मुख्य सचिव के अलावा तीन आईपीएस अधिकारियों को तलब किया जा चुका है लेकिन राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया था।
मैं पार्टी में फिट नहीं बैठता हूं-शीलभद्र
अपने इस्तीफे में शीलभद्र दत्ता ने लिखा, 'मैं तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता के साथ-साथ पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।' पत्रकारों से बातचीत में दत्ता ने कहा, मुझे लगता है कि वर्तमान परिदृश्य में मैं पार्टी में फिट नहीं बैठता हूं लेकिन मैं विधायकी से इस्तीफा नहीं दूंगा। उन्होंने आगे कहा, 'मैं विधायक पद से इस्तीफा क्यों दूं? मुझे जनता ने जिताया है, अगर मैं चला जाऊंगा तो वे कहां जाएंगे?'
शीलभद्र की नाराजगी के पीछे प्रशांत किशोर
शीलभद्र की नाराजगी के पीछे प्रशांत किशोर को वजह माना जा रहा है। वह लगातार प्रशांत किशोर और उनकी एजेंसी पर सवाल भी उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वह 10 साल की उम्र से राजनीति से जुड़े हैं और अब एक मार्केटिंग कंपनी उन्हें चुनाव लड़ना सिखा रही है। उन्होंने कहा था कि ऐसे माहौल में राजनीति नहीं की जा सकती है और न ही पार्टी को आगे बढ़ाया जा सकता है।
मुकुल रॉय और शीलभद्र के बीच मुलाकात
इससे पहले कहा जा रहा था कि बंगाल में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से एक दिन पहले शीलभद्र ने बीजेपी नेता मुकुल रॉय से मुलाकात की थी जो कभी टीएमसी का हिस्सा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक, वह पिछले एक महीने में मुकुल रॉय के साथ कई बैठक कर चुके हैं।
पीके की एजेंसी के सदस्यों से मिलने से किया इनकार
शीलभद्र दत्ता ने प्रशांत किशोर की एजेंसी इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी (I-PAC)के साथ बैठक से इनकार कर दिया था। साथ ही उन्होंने चुनाव लड़ने से भी इनकार कर दिया था।
गुरुवार को सुवेंदु अधिकारी ने दिया था इस्तीफा
पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के बागी तेवर ने पार्टी और ममता बनर्जी को मुश्किलों में डाल दिया है। गुरुवार को ममता बनर्जी के काफी करीबी और नंदीग्राम आंदोलन के सिपहसालार सुवेंदु अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया था।
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