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मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज शिवसेना ने भाजपा पर गुरुवार को तीखा हमला किया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखी संपादकीय के जरिए भाजपा नेताओं पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगया है. लेख में कहा गया है कि कभी भाजपा के लिए भ्रष्टाचारी रहा नेता, उनकी पार्टी में शामिल होने के बाद वॉशिंग मशीने के जरिए दूध में धुल जाता है. सामना में लिखे गए लेख में दलबदलू नेताओं के साथ-साथ केंद्रीय जांच एजेंसी ED और सीबीआई पर भी निशाना साधा गया है. आइए जानते हैं शिवसेना ने लेख में क्या लिखा है?
सामना में लिखा गया है महाराष्ट्र सरकार किस कदर भ्रष्ट है. इस पर भाजपा वाले रोज शोर मचाते हैं. लेकिन चिराग तले ही अंधेरा की कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है. हरियाणा में भाजपा की सरकार है. वहां एक ही समय में भ्रष्टाचार और अत्याचार चरम पर पहुंच गया है. हरियाणा में कांग्रेसी विधायक नीरज शर्मा ने भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे मंत्रियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अजीबोगरीब प्रतिज्ञा की है.
नीरज शर्मा ने प्रतिज्ञा की है कि जब तक मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे, तब तक वे सिले हुए कपड़े और पांव में चप्पल नहीं पहनेंगे. विधायक शर्मा ने हजारों करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार सबूत पेश किए हैं. इसके बाद भी खट्टर सरकार कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. यदि हजारों करोड़ का भ्रष्टाचार नीरज शर्मा ने बाहर निकाला है तो इस आर्थिक घोटाले की जांच 'ईडी' जैसी जांच एजेंसी को ही हाथ में लेनी चाहिए. हरियाणा के कांग्रेसी विधायक ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई की है, इससे देश एवं अन्य विरोधियों को सबक मिलना चाहिए.
कर्नाटक में भाजपा का ही शासन है. कल, परसों वहां क्या हुआ? कर्नाटक में भाजपा सरकार के मंत्री कमीशन के लिए प्रताड़ित करते हैं, ये शिकायत करने वाले एक ठेकेदार की उडुपी के होटल में संदिग्ध मौत हो गई. ईश्वरप्पा ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हैं. सालभर पहले किए गए कामों के बिल मंजूर करने के लिए 40 फीसदी कमीशन मांग रहे थे। इस कमीशनखोरी की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री शाह से लेकर सभी नेताओं के पास करने के बावजूद किसी ने हस्तक्षेप नहीं किया इसलिए. इसलिए उन्होंने आत्महत्या कर ली. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके साथ कुछ अनहोनी हो तो ईश्वरप्पा को ही जिम्मेदार माना जाए.
अखबार अपने संपादकीय में लिखता है भाजपा की कमीशनखोरी के कारण एक युवा ठेकेदार बलि चढ़ गया. लेकिन मंत्री ईश्वरप्पा आज भी मंत्रिमंडल में है. ईश्वरप्पा जैसा प्रकरण, विरोधी मुख्यमंत्री वाले किसी राज्य में हुआ होता तो अब तक भाजपा और कंपनी ने पराकोटी का उत्पात मचा दिया होता और सीबीआई, ईडी के दस्ते छापा मारने के लिए उन राज्यों में भेजकर जांच के पहले ही आरोपी को फांसी पर लटका दिया गया होता. लेकिन हरियाणा और कर्नाटक प्रकरण में कोई मुंह से निषेध के शब्द निकालने को तैयार नहीं है.
सामना के संपादकीय के अनुसार महाराष्ट्र में भाजपा के किरीट सोमैया ने 'विक्रांत बचाओ' के नाम पर लोगों से पैसे एकत्रित किए, बिल्डरों से भारी रकम वसूल की और उन पैसों का इस्तेमाल निजी हित में किया. कोर्ट में आत्मरक्षा में ये महाशय कबूल करते हैं कि विक्रांत बचाने के लिए जुटाया गया पैसा भाजपा के खजाने में जमा किया. यह सीधे-सीधे भ्रष्टाचार है, लेकिन भाजपा इस पर भी बोलने को तैयार नहीं है. इसके विपरीत गिरफ्तारी के डर से फरार हुए सोमैया का समर्थन करने का एक भी मौका भाजपा वाले छोड़ नहीं रहे हैं. इन्हीं सोमैया के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने और 100 बोगस कंपनियों की सूची 'ईडी' को देकर कार्रवाई की मांग करने वाले महाशय आज केंद्र में मंत्री हैं और दूसरों के भ्रष्टाचार पर टिप्पणी कर रहे हैं. हर्षवर्धन पाटील जैसे लोग कहते हैं, 'हम भाजपा में गए इसलिए सुकून की नींद आती है, क्योंकि 'ईडी' हमारे पीछे नहीं पड़ेगी.'
सामना में आगे लिखा गया है कि कृपाशंकर सिंह को 'ईडी' ने कोने में ले जाकर दबोच ही लिया था, लेकिन भाजपा की वॉशिंग मशीन ने उन्हें दूध में धो दिया और आज कहा जा रहा है कि वे साफ हो गए. विक्रांत घोटाले के आरोपी 'बाप-बेटे' अंतरिम जमानत पर छूट गए हैं, लेकिन उन्होंने इतने घोटाले और आर्थिक गड़बड़ियां की हैं कि कभी भी जेल की सैर कर सकते हैं. भारतीय जनता पार्टी के जो मोहरे हैं, वे कहते हैं कि देश से भ्रष्टाचार साफ करेंगे. नागपुर महानगरपालिका में हजारों करोड़ का घोटाला हुआ है. पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका में आर्थिक गड़बड़ी का पैसा किसकी तिजोरी में जा रहा है? कर्नाटक-हरियाणा में भाजपा की सरकार है. वहां के भ्रष्टाचार पर कौन बोले?Live TV
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