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मकान बनाने के नाम पर व्यक्ति से 2.72 करोड़ रुपए की ठगी

Admin4
1 March 2024 7:00 AM GMT
मकान बनाने के नाम पर व्यक्ति से 2.72 करोड़ रुपए की ठगी
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कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे है। पुलिस द्वारा लोगों को बार बार ऑनलाइन ठगी को लेकर जागरूक किया जा रहा है परन्तु फिर भी लोग ठगी का शिकार होते ही जा रहे है। मामला जिला कांगड़ा के गगरेट उपमंडल का है, यह शातिरों ने पंजाब के मोहाली में रिहायशी मकान बनाने के नाम पर व्यक्ति से 2.72 करोड़ रुपए ठग लिए है। अजय कुमार निवासी गगरेट तहसील घनारी जिला ऊना ने एक ही परिवार के चार लोगों के खिलाफ इस बाबत पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई है।
वहीं शिकायतकर्ता के आधार पर पुलिस ने आरोपी गौरव नायर, उसकी पत्नी इदा नायर, गौरव के पिता राजेश नायर और उसकी पत्नी कविता नायर निवासी सेक्टर-67 जलवायु विहार होमलैंड माल मोहाली पंजाब के खिलाफ केस दर्ज कर आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि आरोपियों ने इस वारदात को एक निर्माण कंपनी के झूठे प्रतिनिधि बनकर अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि उसके पंजाब के मोहाली में चार प्लॉट हैं। उन्होंने कहा कि वह खाली प्लाट में रिहायशी मकान बनाना चाहते थे।
उन्होंने बताया कि आरोपी गौरव ने उसके साथ संपर्क किया और कहा कि उनकी एक निर्माण कंपनी है और वे उनके खाली प्लाट में रिहायशी मकान बनाना चाहते हैं। इसके लिए आरोपी ने करीब 1.88 करोड़ रुपए खर्च आने की बात की। शिकायतकर्ता अजय ने कहा कि वह आरोपी के ऑफर पर सहमत हो गया। जिसके बाद उसकी ऊना जिला के जीतपुर बेहड़ी में स्थित एक फैक्ट्री में आरोपियों के साथ समझौता हो गया। इस दौरान उसने आरोपियों पर भरोसा कर उसके साथ करार के तहत कार्य पूरा करने के लिए कहा। शिकायतकर्ता ने कहा आरोपी गौरव और उसकी पत्नी इदा नौ नवंबर 2019 को दोबारा उसकी फैक्ट्री आए और दो तरफ के करार अपने साथ लाए।
आरोपी गौरव ने खुद को निर्माण कंपनी का पार्टनर बताया। इस दौरान उनके बीच समझौता हुआ कि 120 दिन के भीतर सारा निर्माण कार्य पूरा करना होगा। दोनों पक्षों में इसपर सहमति भी बन गई। यह भी तय हुआ की निर्माण कंपनी हर 15 दिन में अपने बिल भुगतान के लिए भेजेगी। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों से उससे रिहायशी घर के निर्माण के नाम पर करीब 2.72 करोड़ रुपये की भारी राशि ली। जिसका भुगतान उसने बैंक के जरिए किया। उन्होंने कहा कि इतनी भारी राशि लेने के बावजूद आरोपियों ने उसका रिहायशी मकान तैयार नहीं किया।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि जब उसने सख्ती से पेश आकर आरोपियों ने इसका कारण पूछा को सामने आया कि आरोपी गौरव बताई गई निर्माण कंपनी का पार्टनर नहीं है। वहीं पड़ताल करने पर सामने आया कि आरोपी का पिता और माता कंस्ट्रक्शन कंपनी के पार्टनर हैं। डीएसपी अंब वसुधा सूद ने मामले की पुष्टि की है।
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